नवी मुंबई के नेरुल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण रविवार को विवाद का कारण बन गया। कई महीनों पहले प्रतिमा का निर्माण पूरा हो चुका था, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अनावरण की तारीख तय न होने के चलते प्रतिमा को कपड़े से ढककर रखा गया था। इसी बात से नाराज़ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ता रविवार को मौके पर पहुंच गए और जबरन अनावरण करने का प्रयास किया।
घटना के दौरान पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और कई मनसे कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की गई। मौके पर स्थिति कुछ समय तक तनावपूर्ण रही।
अमित ठाकरे ने खुद किया अनावरण
मनसे नेता और पार्टी प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे स्वयं स्थल पर पहुंचे और प्रतिमा का अनावरण किया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा:
“यह मेरे जीवन का पहला पुलिस केस होगा, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के लिए मैं ऐसे कई केस झेलने को तैयार हूँ। प्रतिमा महीनों से तैयार थी, फिर भी उसे ढककर रखा गया था। प्रतिमा के पास एक गंदा कपड़ा पड़ा था, यह देखकर मुझे बेहद दुख हुआ—इसी वजह से मैंने अनावरण किया।”
स्थानीय लोगों ने उठाए सवाल
स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रतिमा का निर्माण काफी समय पहले ही पूरा हो चुका था। अनावरण की तारीख घोषित न होने की वजह से उसे लंबे समय तक ढककर रखा गया, जिसे लेकर लोगों में नाराज़गी थी। मनसे का आरोप है कि प्रशासनिक कारणों से अनावरण में अनावश्यक देरी की गई।
पुलिस की कार्रवाई जारी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना से जुड़े वीडियो और सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। कानून व्यवस्था के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक तापमान बढ़ा
अमित ठाकरे द्वारा प्रतिमा का स्वयं अनावरण किए जाने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। इस घटनाक्रम को लेकर आगामी दिनों में मनसे और अन्य राजनीतिक दल किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।














