गाजीपुर, – प्रमुख सचिव, राजस्व, उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश के क्रम में जिलाधिकारी/जिला उप संचालक चकबन्दी अविनाश कुमार द्वारा जनपद में संचालित चकबन्दी कार्यों की गहन समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में आयुष चौधरी, मुख्य राजस्व अधिकारी/उप संचालक चकबन्दी गाजीपुर, रमजान बख्श, बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी तथा समस्त चकबन्दी अधिकारी एवं सहायक चकबन्दी अधिकारी उपस्थित रहे।
लंबित वादों की स्थिति एवं त्वरित निस्तारण के निर्देश
उप संचालक चकबन्दी, गाजीपुर द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद के विभिन्न चकबन्दी न्यायालयों में कुल 6274 वाद विचाराधीन हैं, जिनमें 05 वर्ष से अधिक अवधि के 1475 वाद लंबित हैं। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि विशेष अभियान चलाकर 02 माह के भीतर 05 वर्ष से अधिक पुराने लंबित वादों का त्वरित एवं गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
चकबन्दी प्रक्रियाधीन ग्रामों की समीक्षा
समीक्षा बैठक में वर्तमान में चकबन्दी प्रक्रियाधीन कुल 22 ग्रामों की ग्रामवार समीक्षा की गई। इनमें—
01 ग्राम ताजपुर मांझा (प्रथम चक्र) धारा-7 के स्तर पर,
01 ग्राम पहाड़पुर खुर्द धारा-9 के स्तर पर,
07 ग्राम मखदूमपुर, मुड़ियार, गोपीनाथपुर, जगदीशपुर, शेरपुर ढोटारी, रुहीपुर एवं गन्नापुर धारा-10 के स्तर पर,
03 ग्राम वेमुआं, बघाव एवं तरांव (खानपुर) धारा-20 के स्तर पर,
01 ग्राम भैरोपुर धारा-23 के स्तर पर,
08 ग्राम बद्धोपुर, दशवम्तपुर, मौधियां, तरांव (सैदपुर), बबुरा, सकरा, दरवेपुर एवं तिलसड़ा धारा-27 के स्तर पर,
01 ग्राम हटवार मुरार सिंह धारा-52 के स्तर पर गतिमान है।
जिलाधिकारी द्वारा इन सभी ग्रामों में चकबन्दी कार्यवाही को पारदर्शी, समयबद्ध एवं गुणवत्तापरक ढंग से सम्पादित करने के निर्देश दिए गए।
उच्च न्यायालय से आच्छादित ग्रामों में प्रभावी पैरवी
उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश से प्रभावित ग्राम तिलसड़ा एवं दरवेपुर में स्थगन समाप्त कराने हेतु मा० उच्च न्यायालय में प्रभावी पैरवी किए जाने के निर्देश दिए गए।
02 से 03 वर्ष में चकबन्दी कार्य पूर्ण कराने का लक्ष्य
समीक्षा बैठक में उपस्थित समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जनसमस्याओं के प्रति संवेदनशील रहते हुए गुणवत्तापूर्ण ढंग से समस्याओं का निराकरण कराएं। साथ ही वर्तमान वित्तीय वर्ष में धारा-7, 8, 9, 10, 20, 23, 24, 27 एवं 52 में लक्षित ग्रामों में निष्पक्ष, पारदर्शी, समयबद्ध एवं गुणवत्तापरक ढंग से कार्य करते हुए 02 से 03 वर्ष के भीतर चकबन्दी कार्य पूर्ण कराने के निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप प्रगति सुनिश्चित की जाए।














