रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने भारत दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया। उन्होंने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और गांधी की अहिंसा व सत्य की विरासत के प्रति सम्मान जताते हुए कुछ क्षणों तक मौन रखा।
श्रद्धांजलि के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने विजिटर्स बुक में एक भावपूर्ण संदेश लिखा, जो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। अपने संदेश में उन्होंने महात्मा गांधी को आधुनिक भारत के प्रमुख निर्माताओं में से एक बताते हुए कहा कि उनके विचार न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शन का स्रोत हैं।
पुतिन ने लिखा कि गांधी का दर्शन—स्वतंत्रता, करुणा, सेवा और मानव गरिमा की रक्षा—आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके जीवनकाल में था। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी के सिद्धांत आज भी वैश्विक समाजों को प्रेरित कर रहे हैं और मानवता को न्यायपूर्ण व शांतिपूर्ण दिशा में आगे बढ़ने की सीख देते हैं।”
रूसी राष्ट्रपति ने अपने संदेश में उन पत्रों का भी उल्लेख किया जो गांधी ने एल. निकोलायेविच पोल्स्की को लिखे थे। उन पत्रों में गांधी ने मानवता के भविष्य, स्वतंत्रता के अर्थ और सम्मानजनक जीवन के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए थे। पुतिन ने कहा कि यही मूल्य रूस और भारत के बीच संबंधों की आधारशिला हैं।

उन्होंने लिखा कि भारत और रूस न केवल विकास के साझेदार हैं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी सहयोग, समानता और आपसी सम्मान की नीति का समर्थन करते हैं।
पुतिन की यह यात्रा और राजघाट पर उनकी उपस्थिति दुनिया के उन नेताओं की परंपरा को आगे बढ़ाती है जो गांधी को वैश्विक शांति और नैतिक नेतृत्व का प्रतीक मानते हैं। यह कदम इस बात की ओर भी इशारा करता है कि गांधी के विचार सीमाओं और समय की सीमाओं से कहीं ऊपर हैं—और आज भी अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और मानव मूल्यों की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।














