Wednesday, November 26, 2025
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इंडिया गेट पर वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में ‘हिडमा जिंदाबाद’ के नारे, उठा विवाद

देश की राजधानी दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता किसी से छिपी नहीं है। हर दिन AQI के बढ़ते आंकड़े लोगों को चौंका रहे हैं, और अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की जा रही है। इसी बढ़ते प्रदूषण के विरोध में कई NGOs और नागरिक समूह लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

लेकिन रविवार शाम इंडिया गेट पर हुआ एक प्रदर्शन अचानक विवादों में घिर गया। वजह—प्रदूषण के खिलाफ आयोजित इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन में माओवादी कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाए गए। हिडमा वही नक्सली कमांडर है, जो हाल ही में 18 नवंबर को मुठभेड़ में मारा गया था।

प्रदर्शन में कुछ लोगों के हाथों में हिडमा के पोस्टर और पत्तियां दिखाई दीं। यह दृश्य देखने के बाद प्रदर्शन का मकसद और संदेश दोनों पर सवाल उठने लगे। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि हिडमा के समर्थन में नारेबाजी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


बीजेपी का आरोप—“प्रदूषण नहीं, एजेंडा है असली मकसद”

इस घटना पर BJP नेता अमित मालवीय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सर्दियों में AQI चिंता का विषय है, लेकिन इस साल की हवा बीते दस वर्षों की तुलना में बेहतर रही है—जिसका श्रेय केंद्र सरकार के कदमों, विशेषकर पराली जलाने की घटनाओं में कमी, को जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब, जहां AAP सरकार है, पराली जलाने के मामलों में अब भी “सबसे बड़ा अपराधी” बना हुआ है।

मालवीय ने आगे कहा कि दिल्ली में “अर्बन नक्सल मानसिकता” का प्रभाव वर्षों से रहा है, और जब शहर पिछले वर्षों में गंभीर प्रदूषण झेल रहा था, तब कोई बड़ा जन आंदोलन नहीं दिखा। मगर जैसे ही दिल्ली में BJP सत्ता में आई, अचानक एक्टिविस्ट सड़कों पर उतर आए—और यह विरोध उन्हें “पर्यावरण चिंता नहीं, बल्कि कम्युनिस्ट एजेंडा” से प्रेरित प्रतीत होता है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान एक्टिविस्टों ने न केवल हिडमा के समर्थन में नारे लगाए, बल्कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल भी किया।

“कानून चलेगा तो वही लोग दमन-दमन चिल्लाएंगे”

अमित मालवीय ने कहा कि जब प्रशासन कार्रवाई करेगा, तो यही समूह “दमन” का शोर मचाएंगे और इन तथाकथित “उभरते अर्बन नक्सलों” को बचाने के लिए नए प्रदर्शन खड़े होंगे।
उन्होंने दावा किया कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का समूल नाश होने की उम्मीद है, जिसके बाद देश को “शहरी नक्सली नेटवर्क” पर ध्यान देना चाहिए।


हिडमा का पृष्ठभूमि—1 करोड़ का इनामी और 350 हत्याओं का आरोप

18 नवंबर को छत्तीसगढ़–आंध्रप्रदेश सीमा पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस को छह शव मिले, जिनमें हिडमा और उसकी पत्नी भी शामिल बताए गए।

हिडमा पर सुरक्षाबलों और नागरिकों की करीब 350 हत्याओं का आरोप था और उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित था।

इसी कुख्यात नक्सली के समर्थन में लगाए गए नारे ही इंडिया गेट पर हुए प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन को विवाद का केंद्र बना रहे हैं।

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VIKAS TRIPATHI
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