Wednesday, November 26, 2025
Your Dream Technologies
HomeMaharashtraमहाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियों के लिए नया कोड-ऑफ़-कंडक्ट जारी: सांसद-विधायकों का स्वागत...

महाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियों के लिए नया कोड-ऑफ़-कंडक्ट जारी: सांसद-विधायकों का स्वागत और व्यवहार अनिवार्य

महाराष्ट्र सरकार की जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) ने अधिकारियों के लिए एक नया सरकारी प्रस्ताव (GR) जारी कर दिया है जिसमें व्यवहार, संचार, मीटिंग शेड्यूल और जवाबदेही-समय के सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं। GR में कहा गया है कि मंत्रालय से लेकर जिला-तालुका तक के हर स्तर के अधिकारियों को चुने हुए जनप्रतिनिधियों के प्रति पूरी तहज़ीब और तत्परता दिखानी होगी।

मुख्य बातें — संक्षेप में

जब कोई सांसद (MP) या विधायक (MLA) कार्यालय आएं या बैठक के बाद निकलें तो संबंधित अधिकारी खड़े होकर उनका स्वागत करेंगे।

आचरण, संचार, मीटिंग संचालन, सरकारी कार्यक्रमों का समन्वय और मामलों के निपटारे के तय समय-सीमाओं के नियम स्पष्ट किए गए हैं।

अधिकारियों को मीटिंगों के ख़ास घंटे निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं — हर महीने के पहले व तीसरे गुरुवार को रीजनल/डिस्ट्रिक्ट हेड्स को MPs/MLAs के साथ दो-दो घंटे की मीटिंग रखनी होगी।

यह शेड्यूल पूर्व-प्रकाशित किया जाना चाहिए और सभी चुने हुए प्रतिनिधियों को सूचित किया जाएगा; अर्जेंट मामलों पर कार्यालयिक समय में भी चर्चा की जा सकेगी।

जब विधानसभा/पार्लियामेंट चल रही हो तो जिले में बड़े सरकारी कार्यक्रम न रखा जाए; यदि आवश्यक हो तो ऐसे कार्यक्रम उन दिनों पर शेड्यूल किए जाएं जब हाउस बैठा न हो।

प्रिविलेज कमिटी द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन अनिवार्य है — सचिवालय से मिले नोटिस पर त्वरित कार्रवाई और कमिटी को लगातार सूचित रखा जाएगा। किसी भी प्रिविलेज उल्लंघन की तत्काल रिपोर्टिंग और संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकार ने चेतावनी भी जारी की
GR में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि नई गाइडलाइन का पालन न करने, देरी या लापरवाही बरतने पर महाराष्ट्र सिविल सर्विसेज़ रूल्स के तहत और 2005 के सरकारी काम में देरी रोकने संबंधी कानून के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

प्रभाव और उम्मीद
सरकार का उद्देश्य प्रशासन-लोकतंत्र संवाद को व्यवस्थित करना तथा प्रतिनिधियों के मामलों की शीघ्र और सभ्य निपटान सुनिश्चित करना बताया गया है। अधिकारियों के व्यवहार और मीटिंग प्रोटोकॉल को नियमित करने से प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है, जबकि आलोचक यह भी कह सकते हैं कि व्यवहार-नियमों के सख्ती से पालन और नियमन पर ध्यान देने से प्रशासनिक कामकाज पर अतिरिक्त दबाव भी पड़ सकता है।

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button