चंडीगढ़, 12 नवंबर: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में बुधवार को हरियाणा वक्फ बोर्ड के गठन को लेकर सुनवाई हुई। अदालत ने हरियाणा सरकार को तीन महीने के भीतर नया नोटिफिकेशन जारी करने और नए वक्फ बोर्ड का गठन करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नया बोर्ड वक्फ एक्ट 2025 के तहत गठित किया जाएगा। गौरतलब है कि हरियाणा में वक्फ बोर्ड का गठन वर्ष 2020 से लंबित है।
दरअसल, 12 मार्च 2020 को हाईकोर्ट ने हरियाणा वक्फ बोर्ड के चेयरमैन चुनावों पर रोक लगा दी थी। इसके साथ एक अन्य याचिका को भी जोड़ दिया गया था, जिसमें बिना चेयरमैन की नियुक्ति के बोर्ड सदस्यों की बैठक को चुनौती दी गई थी।
वकील मोहम्मद अरशद ने उठाए थे सवाल
इस मामले में वकील मोहम्मद अरशद ने याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने 6 सितंबर 2024 को जारी वक्फ बोर्ड गठन की अधिसूचना को चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि आचार संहिता लागू होने के बावजूद सरकार ने अधिसूचना जल्दबाजी में जारी की, जो कानूनी रूप से गलत है।हाईकोर्ट ने इस पर हरियाणा सरकार और भारत के चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे।
याचिका में पांच मुख्य आधारों पर उठे सवाल
याचिका में अधिसूचना को पांच बिंदुओं के आधार पर रद्द करने की मांग की गई है।
1.सरकार ने सदस्यों की श्रेणियों का खुलासा नहीं किया, जो वक्फ अधिनियम का उल्लंघन है।
2.धारा 14 के अनुसार, निर्वाचित सदस्यों की संख्या नामित सदस्यों से अधिक होनी चाहिए, लेकिन अधिसूचना में सभी सदस्य नामित किए गए।
3अल्ताफ हुसैन को “मुस्लिम वरिष्ठ वकील” श्रेणी में शामिल किया गया, जबकि वे पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में पंजीकृत नहीं हैं।
4.बार काउंसिल द्वारा भेजे गए 7 योग्य वकीलों के नामों पर विचार नहीं किया गया।
5.विधायक श्रेणी में कोई चुनाव नहीं कराया गया, जो वक्फ अधिनियम का सीधा उल्लंघन है।
आचार संहिता के उल्लंघन का भी आरोप
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि वक्फ बोर्ड गठन की अधिसूचना आचार संहिता लागू रहने के दौरान जारी की गई, जो चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर प्रश्न खड़े करती है।
अब आगे क्या
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब हरियाणा सरकार को तीन महीनों के भीतर नए वक्फ बोर्ड का गठन करना होगा। नया बोर्ड वक्फ एक्ट 2025 के प्रावधानों के तहत बनाया जाएगा, जिससे राज्य में लंबे समय से लंबित बोर्ड गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा सकेगा।














