दिल्ली के लाल किले के पास हुई कार ब्लास्ट की जांच में पुलिस को उस हुंडई आई20 का रूट-मैप हाथ लगा है जिसमें धमाका हुआ। शुरुआती सीसीटीवी और फोरेंसिक पड़ताल से पता चला है कि गाड़ी फरीदाबाद से निकलकर करीब 11 घंटे बाद लाल किले के पास पहुंची थी और रास्ते में कई जगहों से गुजरती रही।
प्रमुख बातें
गाड़ी का नंबर: HR-26-CE-7674।
खरीद-तारिख: यह कार 29 अक्टूबर को खरीदी गई थी।
खरीददार व विक्रेता: कार फरीदाबाद के रॉयल कार जॉन्स से बेची गई; खरीदार का नाम तारीक (पुलवामा निवासी) बताया जा रहा है। पुलिस ने तारीक को हिरासत में लिया है।
प्रदूषण परीक्षण: खरीदते समय कार का प्रदूषण परीक्षण कराया गया था; उस समय कार के साथ तीन लोग मौजूद थे।
फरीदाबाद से बरामद सामग्री: कल फरीदाबाद से जैश से जुड़े मॉड्यूल और बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट भी बरामद हुआ था — यही कारण है कि फरीदाबाद-दिल्ली लिंक की जांच तेज है।
घटना का संभावित टाइमलाइन (सीसीटीवी के मुताबिक)
सोमवार सुबह साढ़े 7 बजे — कार एशियन अस्पताल, फरीदाबाद के बाहर सबसे पहले दिखाई दी।
08:13 — बदरपुर टोल पार कर दिल्ली में दाखिल।
08:20 — ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के पास पेट्रोल पंप के पास देखी गई।
15:19 — लाल किले परिसर के पास बनी पार्किंग में दाखिल; लगभग तीन घंटे वहीं पार्क रही।
18:22 — पार्किंग से निकली और लाल किले की ओर बढ़ी।
18:52 (24 मिनट बाद) — चलते-चलते कार में जोरदार धमाका हुआ।
पुलिस के शक और जांच की दिशा
पुलिस का शक है कि फरीदाबाद से 20 टाइमर मिले हैं; इसलिए यह जांचा जा रहा है कि ब्लास्ट में टाइमर का उपयोग हुआ या नहीं।
लाल किले के रास्ते और बदरपुर बॉर्डर से करने वाली नुमाइशों के कारण, पुलिस जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क में है और विशेष रूप से डॉ. उमर मोहम्मद के संभावित रोल की पड़ताल कर रही है — सूत्रों के अनुसार फरार संदिग्धों में उसका नाम उभर रहा है।
फरीदाबाद में मिली सामग्री और आई20 की यात्रा-रूपरेखा मिलाने पर दिल्ली और फरीदाबाद के बीच संबंध पुख्ता होते दिख रहे हैं; जांच अब इस कड़ी को और सघन कर रही है।
आगे क्या होगा
पुलिस अब फोरेंसिक टेस्ट, फोन-ट्रेसेस, पार्किंग के आसपास के और ज्यादा सीसीटीवी फुटेज, और कार के अंदर मिले अवशेषों की जांच पर ध्यान दे रही है। तारीक की हिरासत में पूछताछ, और फरीदाबाद में बरामद सामग्री के विश्लेषण से ही यह स्पष्ट होगा कि ब्लास्ट में किस किस का हाथ था और कोई अन्य सहयोगी जुड़े हैं या नहीं।














