पुणे: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता अजित पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी कथित सरकारी जमीन के सौदे को लेकर राज्य की राजनीति में हंगामा मचा हुआ है। विपक्षी दलों ने शुक्रवार को महाराष्ट्रभर में प्रदर्शन कर सरकार से डिप्टी सीएम अजित पवार के इस्तीफे की मांग की है।
अन्ना हजारे का तीखा बयान
समाजसेवी अन्ना हजारे ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,
“यदि किसी मंत्री का बेटा इस तरह का आचरण करता है तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। असली दोष मंत्री का ही होता है, क्योंकि बच्चों के संस्कार घर से शुरू होकर समाज तक पहुंचते हैं।”
हजारे ने कहा कि मानव जीवन केवल भोग-विलास के लिए नहीं होता, बल्कि नैतिकता और ईमानदारी सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि कोई गलत कार्य करता है तो उस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से ऐसे मामलों में सख्त नीति अपनाने की मांग की।
1800 करोड़ की जमीन 300 करोड़ में?
विपक्षी दलों का आरोप है कि 1800 करोड़ रुपये मूल्य की सरकारी जमीन मात्र 300 करोड़ रुपये में पार्थ पवार की कंपनी को बेच दी गई। इस कथित सौदे ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा और इसे “सरकारी संसाधनों की खुली लूट” बताया।
दो FIR दर्ज, जांच जारी
बढ़ते हंगामे के बीच अब तक दो FIR दर्ज की जा चुकी हैं। हालांकि, इनमें पार्थ पवार का नाम शामिल नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, मामले की गहन जांच की जा रही है और यदि जांच में पार्थ पवार की भूमिका पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
अजित पवार का बयान: “निष्पक्ष जांच होगी”
इस पूरे विवाद पर अजित पवार ने सफाई देते हुए कहा कि संबंधित भूमि सौदा रद्द कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच कर रही सरकारी समिति एक महीने में रिपोर्ट सौंपेगी।
“जांच निष्पक्ष रूप से हो रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी,”अजित पवार ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस पूरे मामले की जानकारी दी जा चुकी है।
राजनीतिक तापमान उफान पर
इस विवाद ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी है। एक ओर विपक्ष इसे “भ्रष्टाचार का ताजा उदाहरण” बता रहा है, तो दूसरी ओर सत्ता पक्ष निष्पक्ष जांच की बात कहकर बचाव में जुटा है। आने वाले दिनों में इस मामले का असर राज्य की राजनीति पर गहराई से पड़ सकता है।














