नोएडा: भारतीय किसान यूनियन (मंच) के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अशोक चौहान ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का चल रहा अनिश्चितकालीन धरना आज अपने पांचवें दिन संपन्न हुआ। आज धरना स्थल पर हुई महापंचायत के बाद संगठन ने निर्णय लिया कि धरना 26 नवंबर तक स्थगित किया जा रहा है।
महापंचायत में कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें
भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत से अनिल तालान,
भारतीय किसान यूनियन भानु से विकास गुर्जर, प्रेम सिंह भाटी, राजवीर मुखिया और सुभाष भाटी,
जय जवान जय किसान मोर्चा से सुनील फौजी,
और भारतीय किसान यूनियन अखंड के सदस्य उपस्थित रहे।
महापंचायत की अध्यक्षता अनुप निर्वाण ने की, जबकि संचालन सोनू लोहिया और अमित बैसोया ने किया।
किसानों की मांगों पर वार्ता
महापंचायत में दोपहर 12 बजे से किसानों ने मंच और एलआईयू के माध्यम से नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को बुलाकर यह बताने की मांग की कि किसानों के कौन-कौन से कार्य पूरे हो चुके हैं और कौन से लंबित हैं। लेकिन तीन बार बुलाने के बावजूद कोई अधिकारी स्थल पर नहीं पहुंचा।
इससे आक्रोशित किसानों ने निर्णय लिया कि वे नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर ताला

लगाएंगे। दोपहर करीब 3 बजे किसान पंचायत स्थल से प्राधिकरण की ओर कूच कर गए, जहाँ पुलिस से उनकी तीखी नोकझोंक और हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति शांत हुई और किसान पुनः धरना स्थल लौटे।
इसके पश्चात नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सतीश पाल, ओएसडी क्रांति शेखर, अरविंद कुमार और एसीपी प्रवीण कुमार किसानों के बीच पहुंचे और धरना स्थल पर वार्ता की।
अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर 15 दिनों में किया जाएगा। इस पर किसानों ने कहा कि 12 नवंबर को अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक होगी, जिसमें कार्यों की प्रगति रिपोर्ट दी जाएगी। साथ ही 25 नवंबर तक सभी लंबित कार्य पूरे करने की मांग रखी गई।
किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि 25 नवंबर तक मांगें पूरी नहीं की गईं, तो 26 नवंबर से फिर से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा।
नेताओं के बयान
भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल त्यागी ने कहा कि किसान अब केवल आश्वासनों पर भरोसा नहीं करेंगे। “नोएडा प्राधिकरण किसानों को हल्के में लेने की भूल न करे। इस बार किसान अपना हक लेकर ही वापस जाएगा। यदि 26 नवंबर तक कार्य पूरे नहीं हुए, तो आंदोलन और अधिक व्यापक रूप में शुरू किया जाएगा,”
उन्होंने कहा।
राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधीर चौहान ने वार्ता के दौरान अधिकारियों से तीखे सवाल किए और कहा कि अधिकारियों ने खुद माना है कि किसानों के साथ अन्याय हुआ है और उन्हें उनका अधिकार नहीं मिला।

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अशोक चौहान ने अधिकारियों को बताया कि नोएडा प्राधिकरण ने वर्षों से किसानों को छलने का काम किया है।
उन्होंने कहा,
“1976 से 1997 तक जिन किसानों की भूमि ली गई, उन्हें 5% और 10% भूखंड, किसान कोटे के प्लॉट, तथा आबादी निस्तारण जैसे अधिकार अभी तक नहीं मिले हैं। प्राधिकरण के अपने समझौता पत्र इसका प्रमाण हैं।”
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख किसान
इस अवसर पर प्रमोद त्यागी, सूरज प्रधान, चरण सिंह प्रधान, कालू प्रधान, सुरेंद्र प्रधान, सोनू लोहिया, दिनेश भाटी (एडवोकेट), मनविंदर भाटी, उमंग शर्मा, वीर सिंह टाइगर, गजेंद्र बैसोया, प्रिंस भाटी, आशीष चौहान, राजपाल चौहान, राहुल पवार, अनुप चौहान, तेज सिंह चौहान, पुष्पेंद्र चौहान, भंवर सिंह चौहान, मास्टर बीर सिंह चौहान सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।
भारतीय किसान यूनियन (मंच) ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि नोएडा प्राधिकरण ने किसानों की मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा नहीं किया, तो 26 नवंबर से आंदोलन दोबारा उसी जोश और संख्या में शुरू किया जाएगा।














