बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। कैमूर जिले की मोहनिया विधानसभा सीट से आरजेडी उम्मीदवार श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने दस्तावेज़ों में गड़बड़ी का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की है।जानकारी के अनुसार, श्वेता सुमन ने 2020 के विधानसभा चुनाव में अपने मायके के तौर पर उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले का उल्लेख किया था, जबकि इस बार उन्होंने खुद को बिहार का निवासी बताया है। इस विरोधाभास को लेकर बीजेपी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर उनका नामांकन रद्द कर दिया गया।
अब तक चार उम्मीदवारों के नामांकन रद्द
अब तक राज्य में कुल चार उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हो चुके हैं — जिनमें तीन महागठबंधन से और एक एनडीए से हैं।
कुशेश्वर अस्थान से वीआईपी उम्मीदवार गणेश भारती का नामांकन रद्द हुआ।
सुगौली से वीआईपी प्रत्याशी शशि भूषण सिंह का नामांकन तकनीकी कारणों से खारिज किया गया।
मढ़ौरा से एलजेपी (रामविलास) उम्मीदवार सीमा सिंह का नामांकन भी दस्तावेज़ों में त्रुटि के कारण रद्द हुआ।
श्वेता सुमन का आरोप — “दिल्ली से डाला गया दबाव”
नामांकन रद्द होने के बाद श्वेता सुमन ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “दिल्ली से लगातार आरओ और सीओ पर दबाव बनाया जा रहा था। उन्हें मजबूर होकर मेरा नामांकन रद्द करना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर यह सब हुआ।”श्वेता ने कहा कि वह अब कोर्ट का रुख करेंगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी उम्मीदवार संगीता सिंह का जाति प्रमाणपत्र भी नियमों के विरुद्ध है। “उनका सर्टिफिकेट 13 अक्टूबर का है, जबकि उसे नामांकन अधिसूचना से पहले जारी होना चाहिए था। हमने शिकायत की है, लेकिन बीजेपी के दबाव में कार्रवाई नहीं की जा रही,” उन्होंने कहा।
सुगौली सीट पर तकनीकी गलती बनी फंसाव
सुगौली से मौजूदा विधायक शशि भूषण सिंह ने इस बार वीआईपी पार्टी के टिकट पर नामांकन दाखिल किया था। हालांकि, वीआईपी पार्टी रजिस्टर्ड क्षेत्रीय पार्टी नहीं होने के कारण उन्हें 10 प्रस्तावक देने थे, लेकिन उन्होंने केवल एक ही प्रस्तावक दिया। इस तकनीकी चूक के चलते चुनाव आयोग ने उनका नामांकन खारिज कर दिया।वहीं गणेश भारती का नामांकन इसलिए रद्द हुआ क्योंकि उनके सिंबल पत्र पर वीआईपी अध्यक्ष के हस्ताक्षर नहीं थे। बाद में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया।
भोजपुरी अभिनेत्री सीमा सिंह का भी नामांकन रद्द
सारण जिले की मढ़ौरा सीट से एलजेपी (रामविलास) की उम्मीदवार और भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री सीमा सिंह का नामांकन पत्र भी दस्तावेज़ों की खामी के कारण रद्द कर दिया गया।
जन सुराज पार्टी का आरोप — “बीजेपी दोहरा रही है सूरत मॉडल”
इधर, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के तीन उम्मीदवारों ने भाजपा के दबाव में नामांकन वापस लिया। ये उम्मीदवार दानापुर, ब्रह्मपुर और गोपालगंज सीटों से थे।प्रशांत किशोर ने कहा, “बीजेपी बिहार में सूरत मॉडल दोहराने की कोशिश कर रही है, जहां विरोधी उम्मीदवारों को निर्विरोध जीत के लिए मजबूर किया गया था।”














