एंटवर्प (बेल्जियम): भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। बेल्जियम के एंटवर्प शहर की एक अदालत ने शुक्रवार को भारत के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाते हुए चोकसी के प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की उसकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट के इस आदेश को भारत की एक बड़ी कानूनी सफलता माना जा रहा है।
चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,850 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है। वह 2018 से देश से फरार है और एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) तथा CBI को उसकी लंबे समय से तलाश थी।
अब भी अपील का रास्ता खुला
अदालत के फैसले के बाद भी मेहुल चोकसी के पास बेल्जियम हाईकोर्ट में अपील करने का विकल्प बचा है। सूत्रों के मुताबिक, यदि वह अपील नहीं करता या अपील खारिज हो जाती है, तो भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर सकेगी। एक अधिकारी ने बताया, “पहला और सबसे अहम कदम पूरा हो गया है, हालांकि प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है।”
12 अप्रैल को हुई थी गिरफ्तारी
भारत की प्रत्यर्पण अपील पर कार्रवाई करते हुए बेल्जियम पुलिस ने 12 अप्रैल 2025 को चोकसी को गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल जेल में बंद है।
जानकारी के मुताबिक, चोकसी अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ बेल्जियम में रह रहा था, जिन्हें वहां की नागरिकता प्राप्त है। उसने 15 नवंबर 2023 को बेल्जियम का एफ रेजिडेंसी कार्ड हासिल किया था, जो कथित रूप से उसकी पत्नी की मदद से प्राप्त किया गया था।
2018 में भारत छोड़ने से पहले ही चोकसी ने 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी।
भारत ने दिया था मानवीय व्यवहार का आश्वासन
भारत सरकार ने बेल्जियम कोर्ट को यह भरोसा दिलाया कि यदि चोकसी को भारत लाया गया, तो उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा।
उसे साफ पानी, पौष्टिक भोजन, चिकित्सकीय सुविधा, समाचार पत्र और टीवी जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी। साथ ही, उसे निजी डॉक्टर से इलाज की अनुमति भी होगी और एकांत कारावास में नहीं रखा जाएगा।
नागरिकता को लेकर विवाद बरकरार
चोकसी ने अदालत में यह तर्क दिया कि उसने 16 नवंबर 2017 को एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता हासिल करने के बाद 14 दिसंबर 2018 को अपनी भारतीय नागरिकता त्याग दी थी। हालांकि भारत सरकार का कहना है कि उसका यह दावा कानूनी रूप से मान्य नहीं है, और वह अभी भी भारतीय नागरिक है।
अधिकारियों के अनुसार, चोकसी पर 950 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है और वह भारत सरकार द्वारा वांछित अपराधी बना हुआ है।
भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक और कानूनी जीत
बेल्जियम कोर्ट का यह फैसला भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है। अगर ऊपरी अदालत में भी यही फैसला कायम रहता है, तो जल्द ही मेहुल चोकसी की भारत वापसी संभव हो सकती है।