पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों का बंटवारा तय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। जबकि एलजेपी (रामविलास) को 29 सीटें, और हम (जीतन राम मांझी) व रालोसपा (उपेंद्र कुशवाहा) को 6-6 सीटें दी गई हैं। हालांकि मांझी और कुशवाहा इस फॉर्मूले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं माने जा रहे हैं।
औपचारिक घोषणा से पहले जेडीयू ने शुरू किया सिंबल वितरण
पटना में सोमवार शाम सीट शेयरिंग की औपचारिक घोषणा होनी थी, लेकिन बीजेपी और जेडीयू के बीच कुछ सीटों पर अंतिम चर्चा चल रही होने के कारण कार्यक्रम टल गया।
इस बीच, जेडीयू ने औपचारिक ऐलान से पहले ही अपने उम्मीदवारों को पार्टी का चुनाव चिन्ह (तीर) सौंपना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर यह प्रक्रिया जारी है, जहां ललन सिंह और संजय झा मौजूद हैं।
सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा को सिंबल दिया गया। इसके अलावा, मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह, मंत्री सुनील कुमार, जमालपुर के शैलेश कुमार, पूर्व मंत्री दामोदर रावत, और मंत्री रत्नेश सादा को भी पार्टी सिंबल सौंपा गया है। अनंत सिंह की ओर से उनके प्रतिनिधि ने सिंबल प्राप्त किया।
जेडीयू की जल्दीबाज़ी के पीछे की वजह
जेडीयू द्वारा सिंबल वितरण की यह जल्दबाज़ी कई संकेत देती है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पार्टी अपने संभावित उम्मीदवारों को यह भरोसा देना चाहती है कि उनका टिकट तय है और उन्हें पूरी तैयारी के साथ प्रचार में जुट जाना चाहिए।
टिकट बंटवारे में हो रही देरी से कई नेताओं में बेचैनी थी, खासकर वे जो नई सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं या पहली बार मैदान में उतरेंगे। ऐसे उम्मीदवारों को प्रचार के लिए अधिक समय की जरूरत होती है, इसलिए जेडीयू ने समय गंवाने के बजाय तुरंत सिंबल देने का निर्णय लिया।
एनडीए के अंदर असंतोष की आहट
सीट बंटवारे के इस फॉर्मूले से उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी के असंतुष्ट होने की खबरें हैं। कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर एक संकेतात्मक पोस्ट साझा किया है, जिससे उनके नाराज़ होने के कयास और तेज हो गए हैं।