पटना/दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए बड़ा झटका सामने आया है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC घोटाले मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं।
वहीं, लैंड फॉर जॉब (Land for Job) घोटाले में कोर्ट ने अपना फैसला 10 नवंबर तक टाल दिया है। दोनों ही मामले लालू परिवार और उनकी पार्टी आरजेडी के लिए ऐसे समय में संवेदनशील हैं, जब राज्य में चुनाव प्रचार अपने चरम पर है।
IRCTC मामला
यह मामला साल 2006 से जुड़ा है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में रेल मंत्री थे।
CBI की जांच के अनुसार, उस दौरान आईआरसीटीसी (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) के दो होटल — एक रांची और दूसरा पुरी — निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के बदले घूस लेने का आरोप है।
CBI का दावा है कि इस सौदे में भारी अनियमितताएं हुईं और लालू यादव के परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों की अनदेखी की गई।
कोर्ट में आरोप तय होने के बाद लालू, राबड़ी और तेजस्वी ने अपना दोष स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे।
लैंड फॉर जॉब घोटाला
CBI की दूसरी जांच लैंड फॉर जॉब स्कैम से जुड़ी है, जिसकी जड़ें भी लालू यादव के रेल मंत्री काल (2004–2009) तक जाती हैं।
जांच एजेंसी का आरोप है कि रेलवे में ग्रुप D की नौकरियां देने के बदले जमीन और नकद रिश्वत ली गई थी।
CBI के अनुसार —
ज्यादातर जमीनें लालू परिवार के नाम या उनके रिश्तेदारों के नाम पर ली गईं।
अधिकांश भुगतान नकद में हुआ, जबकि कुछ मामलों में सेल डीड तैयार की गई।
कुल जमीन का रकबा लगभग 1,05,292 वर्ग फुट बताया गया है।
इन जमीनों की बाजार कीमत करोड़ों में आंकी गई है।
CBI ने इस मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती, और अन्य 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B (षड्यंत्र), 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 467 (फर्जी दस्तावेज बनाना) और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 11, 12, 13, 8 और 9 के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं।
कोर्ट ने फैसला टाला, अब 10 नवंबर को सुनवाई
राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को लैंड फॉर जॉब मामले की सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित रखते हुए इसे 10 नवंबर तक के लिए टाल दिया।
CBI ने अदालत में कहा कि इस मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ और अधिकांश सौदों में कैश लेनदेन किया गया।
इस बीच, IRCTC मामले में आरोप तय होने के बाद लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने अदालत में कहा कि वे निर्दोष हैं और ट्रायल का सामना करेंगे।
चुनाव से पहले झटका, RJD पर बढ़ा दबाव
बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक हैं, लेकिन महागठबंधन (RJD, Congress और Left पार्टियां) अब तक सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बना पाया है।
ऐसे में लालू परिवार के खिलाफ कोर्ट की कार्रवाई को राजनीतिक झटका माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि विपक्ष अब इस मुद्दे को भ्रष्टाचार और नैतिकता के सवाल पर भुनाने की कोशिश करेगा, वहीं आरजेडी इसे राजनीतिक साजिश बताकर पलटवार कर सकती है।
पहले भी कई मामलों में जेल जा चुके हैं लालू
यह पहली बार नहीं है जब लालू प्रसाद यादव अदालत के घेरे में आए हैं।
वे चारा घोटाले (Fodder Scam) के कई मामलों में पहले ही सजा काट चुके हैं और लंबे समय तक जेल में रहे।
अब एक और मामले की सुनवाई शुरू होना लालू और उनके परिवार के लिए राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर बड़ा झटका है।