भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह एक बार फिर बिहार की सियासी ख़बरों में हैं। वह आरा से एनडीए के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा लेकर राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से दिल्ली में मिलने जा रहे हैं — और माना जा रहा है कि उनकी यह मुलाकात इस बात का फैसला कर सकती है कि क्या वे RLM के जरिये NDA में लौटेंगे और आरा से उम्मीदवार बन पाएंगे।
मुलाकात का राजनीतिक मायना
सूत्रों के मुताबिक पवन सिंह की यह कोशिश पिछली लड़ाइयों को पीछे छोड़कर गठबंधन के साथ सामंजस्य बैठाने की है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि पवन सिंह कुशवाहा से व्यक्तिगत तौर पर ‘माफी’ मांगकर रिश्ते सुधारने की कोशिश करेंगे — ताकि RLM के माध्यम से उन्हें NDA टिकट मिल सके। स्थानीय राजनीतिक समीकरणों में राजपूत और कुशवाहा वोट बैंक का मेल इन चर्चाओं को और प्रासंगिक बनाता है।
पिछला राजनीतिक परिदृश्य — क्या है बैकस्टोरी?
पवन सिंह ने 2024 लोकसभा चुनाव में पहले पश्चिम बंगाल के आसनसोल से बीजेपी का टिकट नामित किया जाना ठुकरा दिया था और बाद में उन्होंने बिहार के करकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उनके निर्दलीय उतरने से उस चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा प्रभावित हुए — करकाट में पवन सिंह ने लाखों वोट लिए और इससे कुशवाहा तीसरे स्थान पर चले गए। इस घटना के बाद पार्टी ने पवन सिंह पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड/निरस्त कर दिया था।
करकाट (2024) — वोटों का आंकड़ा (सन्दर्भ: निर्वाचन आयोग)
राजा राम सिंह (CPI-ML): 3,80,581 वोट — विजयी।
पवन सिंह (निर्दलीय): 2,74,723 वोट।
उपेंद्र कुशवाहा (RLM/NDA): 2,53,876 वोट।
(नतीजे: पवन के हिस्से में आए बड़े वोटों ने NDA के मत विभाजन में सार्थक प्रभाव डाला)।
क्या केवल कुशवाहा की माफी ही काफी होगी?
कुशवाहा की माफी पावन सिंह के RLM में शामिल होने का रास्ता खोल सकती है लेकिन क्या इससे सीधे तौर पर उन्हें NDA/बीजेपी की ओर से आरा का टिकट मिल जाएगा — यह अलग सवाल है। कारण:
भाजपा के नेतृत्व और उसके स्थानीय संगठन के निर्णयों का अपना वजन होगा; 2024 की घटनाओं (बिना समर्थन के टिकट लौटाना, करकाट में विपक्षी उम्मीदवार के रूप में उतरना) पार्टी के लिए अहम मुद्दा रहे हैं।
NDA के भीतर सीट-शेयरिंग और स्थानीय समीकरण भी निर्णायक होंगे — आरा जैसी सीटों पर गठबंधन का सामूहिक रणनीति मायने रखेगा।
इसलिए सिर्फ व्यक्तिगत सुलह (माफी) एक ज़रूरी शर्त हो सकती है, पर निर्णायक नहीं — इसके लिए पार्टी स्तर पर सहमति, स्थानीय संगठन का समर्थन और गठबंधन की रणनीति भी चाहिए होगी।
आरा का संवेदनशील राजनीतिक परिदृश्य
आरा में मतदाता संरचना और पिछले चुनावों के नज़दीकी नतीजे (करीबी मार्जिन) इसे ऐसी सीट बनाते हैं जहाँ किसी भी बदलाव का असर बड़ा हो सकता है। इसलिए अगर पवन सिंह RLM/NDA के साथ आरा से मैदान में उतरते हैं, तो यह मुकाबला भी बेहद चमकदार और निर्णायक हो सकता है।