पटना: बिहार में कांग्रेस और महागठबंधन की 16-दिनीय वोटर अधिकार यात्रा का समापन पटना में हुआ, जहाँ लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव ने बड़ी रैली व पदयात्रा को संबोधित किया। यात्रा सासाराम से शुरू होकर लगभग 1,300 किलोमीटर, 25 जिलों और 110 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों से गुज़रते हुए समाप्त हुई — जिसका मकसद राज्य में वोटर-लिस्ट संशोधन (SIR) और, पार्टी के आरोप के अनुसार, वोट चोरी के खिलाफ व्यापक जनजागरण था।
राहुल के तीखे आरोप और “हाइड्रोजन बम” वाली टिप्पणी
रैली में राहुल गांधी ने चुनावी पक्षपाती व्यवहार और वोटर-लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप दोहराए और कहा कि उनके पास वोट चोरी के सबूत हैं जिन्हें उन्होंने पहले ‘एटम बम’ बताया था — और अब उन्होंने इसे “हाइड्रोजन बम” से भी बड़ा बताया। राहुल का कहना था कि यह सच जब बाहर आएगा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “देश के सामने अपना चेहरा नहीं दिखा पाएंगे।” यह बयान राजनीतिक भाषा में इस्तेमाल किया गया कड़ा रूपक माना जा रहा है।
महादेवपुरा का मुद्दा — राहुल ने क्या दावा किया था?
राहुल गांधी ने पहले भी कर्नाटक के महादेवपुरा क्षेत्र का हवाला देते हुए कथित फर्जी वोटरों और ‘एटम बम’ सबूत का जिक्र किया था। उन दावों में कथित रूप से लाखों संदिग्ध/डुप्लिकेट वोटरों का हवाला दिया गया — जिसे लेकर राज्य के चुनाव अधिकारीयों ने उनसे सबूत माँगे और कुछ जगह प्रमाण की पड़ताल भी चली। कांग्रेस के इस तरह के दावों को लेकर चुनाव प्राधिकारी और कुछ प्रशासनिक सूत्रों ने स्पष्टीकरण मांगा है।
विरोधी एकता व पटना मार्च
वोटर अधिकार यात्रा के समापन कार्यक्रम में महागठबंधन के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे और रैलियों/पदयात्राओं के रूप में इसे बड़े विरोध प्रदर्शन में बदला गया। राहुल-तेजस्वी के साथ विपक्षी नेताओं की मौजूदगी ने इसे विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष की एकता का प्रदर्शन भी बनाया।
#WATCH | Patna, Bihar | Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, “The forces who murdered Mahatma Gandhi, the same forces are trying to destroy the Constitution of Dr BR Ambedkar and Mahatma Gandhi. We will not let them destroy the Constitution of India…We recieved a… pic.twitter.com/rATlMWBj4H
— ANI (@ANI) September 1, 2025
भाजपा और राज्य की जवाबी प्रतिक्रिया
भाजपा नेतृत्व ने यात्रा और नेताओं के बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय व स्थानीय स्तर के नेतागण राहुल और तेजस्वी के आरोपों को राजनीतिक और विभाजनकारी करार दे रहे हैं, और कुछ केंद्रीय नेताओं ने रिटेलिएटिव टिप्पणी भी की है। (स्थानीय प्रतिक्रियाएँ और बयान जारी रहे।)
निहितार्थ — कानून, राजनीति और अगला कदम
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यदि राहुल के दावे के वैधानिक/प्रमाणिक सबूत मिलते हैं तो चुनाव आयोग और प्रशासन के समक्ष जांच के कानूनी रास्ते खुलेंगे; वहीं, बिना ठोस सबूत के ये दावे राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह सकते हैं।
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इस यात्रा ने बिहार में चुनावी माहौल गरम कर दिया है — opposition ने इसे जनसमर्थन जुटाने का जरिया बनाया है, जबकि ruling पार्टी और चुनाव प्राधिकरण पर दबाव भी बढ़ा है।