नोएडा, [तिथि] — राष्ट्रीय लघु उद्योग दिवस के अवसर पर एमएसएमई इंडस्ट्रियल असोसिएशन, नोएडा के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने कहा है कि वैश्विक दबाव और नए अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने 7.8% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज कर के यह सिद्ध कर दिया कि देश अब किसी एक शक्ति की नीतियों पर निर्भर नहीं रहा। असोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बहुविकल्पीय, संतुलित और आत्मनिर्भर व्यापार रुख का समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि यही नीतियाँ आज भारत के उद्योगों—विशेषकर एमएसएमई—को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिकने में मदद कर रही हैं।
नोएडा–ग्रेटर नोएडा–यमुना: निर्यात के लिए उभरता केंद्र
गौतम बुद्ध नगर औद्योगिक क्षेत्र में 15,000+ सक्रिय इकाइयाँ विभिन्न क्षेत्रों — टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, प्रिंटिंग, IT और फूड प्रोसेसिंग — में कार्यरत हैं। इस क्षेत्र से वर्तमान में वार्षिक तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के निर्यात का आँकड़ा निकल रहा है। जेवर एयरपोर्ट व समर्पित फ्रेट कॉरिडोर के पूरा होने के बाद यह क्षेत्र न केवल राष्ट्रीय बल्कि एशिया के प्रमुख निर्यात केंद्रों में से एक बन सकता है।
उद्योगों की मांगें — सरकारी कदम जरूरी
असोसिएशन ने कहा कि टैरिफ वृद्धि से प्रभावित उद्यमों को तत्काल राहत देने के लिए कुछ ठोस पहल अपेक्षित हैं:
निर्यात प्रोत्साहन पैकेज (विशेषतः फिनिशिंग लागत और रिवर्स सप्लाई चेन के लिए),
वित्तीय भार कम करने हेतु ब्याज में रियायत तथा टर्म-लोन की आसान शर्तें,
अंतरराष्ट्रीय मेलों और प्रदर्शनी में भागीदारी हेतु सब्सिडी और लॉजिस्टिक्स सहायता,
छोटे उद्यमों के लिए निर्यात-लिंक्ड प्रशिक्षण और मार्केट-इंटेलिजेंस सपोर्ट।
इन उपायों से एमएसएमई सेक्टर को न केवल वर्तमान झटके से उबरने में मदद मिलेगी बल्कि दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धात्मकता भी मजबूत होगी।
प्रधानमंत्री की नीति पर भरोसा — अध्यक्ष का वक्तव्य
सुरेंद्र सिंह नाहटा ने कहा —
“अमेरिका के दबाव के बावजूद 7.8% की वृद्धि इस बात का सबूत है कि हमारा देश रणनीतिक वैकल्पिक रास्ते अपना रहा है। प्रधानमंत्री की नीति ने न केवल बड़े उद्योगों को बल दिया है, बल्कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को भी आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त किया है। हम सरकार के साथ खड़े हैं और उम्मीद करते हैं कि समय रहते उठाए गए कदम हमारे निर्यातक उद्यमों को वैश्विक बाजार में और अधिक अवसर दिलाएंगे।”
भविष्य की रूपरेखा — स्थानीय क्षमता को वैश्विक पटल पर ले जाना
असोसिएशन ने यह भी उल्लेख किया कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा-यमुना औद्योगिक बेल्ट में विनिर्माण क्लस्टर, लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर और कौशल विकास कार्यक्रमों के समन्वय से निर्यात में और वृद्धि सम्भव है। सरकार-उद्योग साझेदारी, बैंकों के अनुकूल ऋण विकल्प और निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में एशिया का एक प्रमुख निर्यात हब बन सकता है।
समाप्ति: एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, नोएडा ने पुनः जोर देकर कहा कि वर्तमान वैश्विक चुनौती एक अवसर में बदली जा सकती है—यदि समय पर निर्णय लिये जाएँ, वित्तीय राहत दी जाए और लॉजिस्टिक्स-इन्फ्रास्ट्रक्चर को तेज किया जाए। असोसिएशन सरकार के साथ मिलकर नोएडा क्षेत्र को मजबूत निर्यात केंद्र बनाने के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है।