Thursday, October 30, 2025
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उत्तरकाशी आपदा पर एसपी नेता एसटी हसन के बयान से मचा बवाल, आलोचनाओं के बीच दी सफाई

उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली गांव में बादल फटने से मची तबाही ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अब भी लापता हैं। राहत और बचाव दल लगातार मलबा हटाने और फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे हैं। इस बीच, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद एसटी हसन के बयान ने एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है।

विवादित बयान और सफाई

शनिवार को एसटी हसन ने दावा किया कि “उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में दूसरे धर्मों का सम्मान नहीं किया जाता, और इसी कारण ऐसी आपदाएं आती हैं।” उनके इस बयान पर जमकर आलोचना हुई।
विवाद बढ़ने पर उन्होंने सफाई दी—

मेरा मकसद किसी धर्म को नीचा दिखाना नहीं था। असल वजह यह है कि हमने अपने ईको सिस्टम को बर्बाद कर दिया है। अंधाधुंध पेड़ों की कटाई, जंगलों का सफाया और पर्यावरण से खिलवाड़ के कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ा है। हम एक धार्मिक देश में रहते हैं—चाहे हिंदू हों, मुस्लिम, सिख या ईसाई—सब मानते हैं कि जो कुछ भी होता है, वह ईश्वर की इच्छा से होता है। लेकिन हमने अपने कर्मों से उन्हें नाराज़ किया है। मंदिरों और मस्जिदों पर बुलडोजर चलाकर हमने आस्था को भी चोट पहुंचाई है।”

धार्मिक नेताओं की राय में बंटवारा

इस बयान पर मुस्लिम धर्मगुरुओं की अलग-अलग राय सामने आई है।

मौलाना साजिद रशीदी (अध्यक्ष, ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन) ने कहा—

जहां अत्याचार बढ़ता है, वहां आपदाएं आना स्वाभाविक है। लेकिन पेड़ काटने वाली बात सिर्फ सरकार पर दबाव बनाने का तरीका है। उत्तराखंड को बने ज्यादा समय नहीं हुआ, इसलिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार नहीं थी। हमें आपदाओं को राजनीति से अलग देखना चाहिए।”

वहीं, मौलाना शहाबुद्दीन (अध्यक्ष, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी—

“एसटी हसन ने इस त्रासदी को हिंदू-मुस्लिम रंग दे दिया, जो पूरी तरह गलत है। आपदा को सिर्फ आपदा के रूप में देखना चाहिए, न कि धार्मिक चश्मे से।”

धराली में तबाही का मंजर

गांव में बादल फटने से भारी मात्रा में मलबा और पानी बहकर आया, जिससे कई घर, दुकानें और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित है। स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है।

राजनीति और आपदा का संगम

धराली आपदा ने जहां लोगों को अपार दुख और नुकसान पहुंचाया है, वहीं नेताओं के बयानों ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि बार-बार होने वाली प्राकृतिक आपदाओं का असली कारण जलवायु परिवर्तन, अनियोजित विकास और जंगलों की अंधाधुंध कटाई है। लेकिन जब इन्हें धर्म या राजनीति से जोड़ा जाता है, तो असली मुद्दा पीछे छूट जाता है।

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VIKAS TRIPATHI
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VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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