नई दिल्ली: भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की सख्त फटकार झेलनी पड़ी है। दिसंबर 2022 में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान दिए गए उनके बयान पर सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशीय पीठ ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “एक सच्चा भारतीय ऐसी बातें नहीं कहता।” कोर्ट की इस टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में तीखी बहस को जन्म दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी क्या थी?
सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल थे, राहुल गांधी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने अपने बयान को लेकर दाखिल मानहानि मुकदमे पर रोक की मांग की थी। कोर्ट ने राहुल गांधी से सीधे सवाल किया –
“आप कैसे कह सकते हैं कि चीन ने 2,000 किलोमीटर भारतीय ज़मीन पर कब्जा कर लिया है? इस तरह की बात एक सच्चा भारतीय नहीं कहेगा, खासकर जब सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हो।”
कोर्ट ने यह भी कहा, “अगर सवाल उठाना है तो संसद में उठाइए। सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणियों की क्या जरूरत है?”
पीएम मोदी का पलटवार: “आ बैल मुझे मार वाली बात”
सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणियों पर मंगलवार को संसद भवन में एनडीए बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कटाक्ष करते हुए कहा:
“इतनी बड़ी फटकार कोई और दे ही नहीं सकता, जो सुप्रीम कोर्ट ने कल दी है। अब हम क्या कहें, जब सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है। ये तो अपने ही पाँव पर कुल्हाड़ी मारने वाली बात है – या कहें, आ बैल मुझे मार!”
कांग्रेस का बचाव: “राहुल सेना के खिलाफ बोल ही नहीं सकते”
सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के बाद कांग्रेस पूरी ताकत से राहुल गांधी के बचाव में उतरी।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद परिसर के बाहर कहा:
“वे (सुप्रीम कोर्ट) यह तय नहीं कर सकते कि एक सच्चा भारतीय कौन है। विपक्ष का काम है सरकार से सवाल पूछना। मेरा भाई कभी सेना के खिलाफ कुछ नहीं कहेगा, वह सेना का सर्वोच्च सम्मान करता है।”
वहीं, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा:
“राहुल गांधी जो मुद्दा उठा रहे हैं, वह हर राष्ट्रवादी भारतीय की सोच है। संसद के अंदर सवाल पूछो तो जवाब नहीं मिलता, बाहर पूछो तो देशद्रोही कह देते हैं। हम ही सच्चे भारतीय हैं जो भारत के हित में सवाल उठाते हैं।”
सुनवाई पर तीन हफ्तों की रोक
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में तत्काल गिरफ्तारी या कार्रवाई पर अस्थायी रोक लगा दी है और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।