ग्रेटर नोएडा (बिसरख), 27 जुलाई 2025 —विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस के अवसर पर बिसरख थाना परिसर में एक विशेष और भावनात्मक रूप से प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन के दिव्यांग बच्चों ने नोएडा पुलिस के साथ मिलकर पौधारोपण अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य केवल हरियाली को बढ़ावा देना नहीं था, बल्कि इन विशेष बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने, उनके भीतर प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता जागृत करने और सामूहिक उत्तरदायित्व का बोध कराने का प्रयास भी था।
पुलिस और समाज का एक मानवीय स्वरूप
इस पूरे कार्यक्रम की अगुवाई थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह चौहान ने की, जिन्होंने अपने व्यक्तिगत प्रयास से बच्चों को पौधारोपण के दौरान न सिर्फ मार्गदर्शन दिया, बल्कि उनके साथ घुल-मिलकर पेड़ भी लगाए। कार्यक्रम का सफल संचालन राजवीर सिंह द्वारा किया गया।
आशीष सिंह, साइबर क्राइम ऑफिसर, ने मौके का लाभ उठाते हुए बच्चों को साइबर सुरक्षा, सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग और ऑनलाइन खतरों से बचने के उपायों पर उपयोगी जानकारी दी।
विशिष्ट अतिथि और सहयोगी
इस अवसर पर सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक वाईपी सिंह, फाउंडेशन की सेंटर मैनेजर सुरभि जैन, और विशेषज्ञों की टीम में शामिल डॉ. दीक्षा श्रीवास्तव, डॉ. महीपाल सिंह, डॉ. सुश्मिता भाटी, दीपक यादव, इलिका रावत, ग्रंथ गुप्ता और सौम्या सोनी जैसे गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने न केवल कार्यक्रम में भाग लिया बल्कि बच्चों का उत्साहवर्धन भी किया।
दीपक सिंह ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया और बताया कि पर्यावरण संरक्षण केवल एक दिन का कार्य नहीं, बल्कि यह एक जीवनशैली बननी चाहिए।
संवेदी कौशल और मिट्टी चिकित्सा पर विशेष ध्यान
डॉ. महीपाल सिंह ने “मिट्टी चिकित्सा” और “संवेदी विकास” के लाभों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे मिट्टी से जुड़ाव बच्चों की स्पर्श संवेदनाओं को उत्तेजित करता है और उन्हें मानसिक व शारीरिक संतुलन प्राप्त करने में सहायता करता है। पौधारोपण के दौरान बच्चों ने मिट्टी को छूकर, खोदकर और पौधों को लगाकर प्राकृतिक प्रक्रिया से जुड़ने का सुखद अनुभव लिया, जिससे उनका संवेदी कौशल भी विकसित हुआ।
पुलिस थाने की सैर और सामूहिक आत्मीयता
कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, वरिष्ठ उप निरीक्षक ने बच्चों को पूरा पुलिस थाना दिखाया और उन्हें पुलिस के कार्यों, प्रक्रियाओं और जिम्मेदारियों से रूबरू कराया। इससे बच्चों में पुलिस को लेकर एक सकारात्मक और भरोसेमंद दृष्टिकोण विकसित हुआ।
रचनात्मक अभिव्यक्ति: मैग्जीन भेंट
कार्यक्रम के अंत में, फाउंडेशन के बच्चों ने अपनी रचनात्मकता से सजी हुई एक विशेष मैग्जीन पुलिस अधिकारियों को भेंट की, जिसे अधिकारियों ने अत्यंत सम्मान और सराहना के साथ स्वीकार किया।
संदेश और निष्कर्ष
इस अभियान ने यह स्पष्ट किया कि पर्यावरण की रक्षा की जिम्मेदारी सभी की है — चाहे वह आम नागरिक हो, दिव्यांग बच्चे हों या कानून व्यवस्था की रखवाली करने वाली पुलिस। बच्चों ने यह संदेश भी दिया कि—
“हमें केवल पेड़ लगाना ही नहीं, बल्कि उनकी देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए।”
इस कार्यक्रम के माध्यम से नोएडा पुलिस ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि वह समाज की सेवा केवल अपराध नियंत्रण तक सीमित नहीं रखती, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता, मानवता और समावेशन की दिशा में भी सक्रिय भूमिका निभाती है।