नई दिल्ली/पटना। बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान को लेकर देश की राजनीति में जबरदस्त उबाल आ गया है। इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने इसे संविधान विरोधी बताते हुए शुक्रवार को संसद से लेकर सड़कों तक जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सांसदों ने SIR फॉर्म को फाड़कर कूड़ेदान में फेंक दिया, जिससे सदन में भारी हंगामा हुआ और कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
“यह गरीबों के मताधिकार पर हमला है” – मल्लिकार्जुन खड़गे
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान SIR फॉर्म को फाड़ते हुए कहा:
“सरकार गरीबों को वोट देने से रोकना चाहती है और सिर्फ कुलीन वर्ग के लिए लोकतंत्र बचा रखना चाहती है। यह सीधा संविधान का उल्लंघन है।”
राहुल-प्रियंका का तीखा वार, “लोकतंत्र से छेड़छाड़ नहीं सहेंगे”
विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने इंडिया ब्लॉक के अन्य सांसदों के साथ मिलकर प्रतीकात्मक रूप से SIR फॉर्म को नष्ट किया और केंद्र सरकार पर हमला बोला।
प्रियंका गांधी ने कहा:
“हम सिर्फ एक पारदर्शी मतदाता सूची की मांग कर रहे हैं। यह लोकतंत्र है, और हर राजनीतिक दल को समान सूचना तक पहुंच होनी चाहिए। सरकार इस पर चुप क्यों है?”
“बिहार में दो-तिहाई बहुमत से लौटेगी इंडिया ब्लॉक सरकार” – प्रमोद तिवारी
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा:“भाजपा चाहती है कि हम बिहार चुनाव का बहिष्कार करें क्योंकि उन्हें पता है कि अगर RJD और कांग्रेस साथ आए, तो भाजपा का सफाया तय है। लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। हम SIR के नाम पर मतदाता सूची से नाम हटाने की साजिश को उजागर करेंगे और हर कीमत पर लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।”
#WATCH | Delhi: Congress MP and Lok Sabha LoP Rahul Gandhi and party MP Priyanka Gandhi Vadra, along with other INDIA bloc MPs, symbolically tear the SIR and throw it in a dustbin. pic.twitter.com/5dlg005EjU
— ANI (@ANI) July 25, 2025
क्या है SIR विवाद?
बिहार में चल रहा Special Intensive Revision अभियान मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण से जुड़ा है। विपक्ष का आरोप है कि इसके जरिए जानबूझकर लाखों गरीब और वंचित तबकों के मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं, ताकि राजनीतिक संतुलन बदला जा सके।
सवाल अब सीधा है: क्या केंद्र लोकतंत्र की जड़ों को हिला रहा है?
इंडिया ब्लॉक के एकजुट विरोध और आक्रामक रुख से साफ है कि SIR सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक बड़े राजनीतिक और संवैधानिक टकराव की ज़मीन बनता जा रहा है।