पटना—बिहार की सियासत में एक दिलचस्प मोड़ उस वक्त आया, जब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने INDIA गठबंधन को खुला ऑफर देते हुए कहा कि अगर वाकई NDA को सत्ता से बाहर करना है, तो सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर चुनाव लड़ना होगा। ओवैसी ने स्पष्ट किया कि वह बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में INDIA गठबंधन के साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं, बशर्ते गठबंधन भी गंभीर हो।
INDIA गठबंधन से ओवैसी की अपील
ओवैसी ने कहा कि उनके प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान की महागठबंधन के कुछ नेताओं से बातचीत हुई है, और उन्होंने भी NDA की सत्ता में वापसी न होने देने की बात कही है। ओवैसी ने कहा —
“हम चाहते हैं कि बीजेपी और एनडीए को बिहार में दोबारा सत्ता में आने से रोका जाए, लेकिन इसके लिए महागठबंधन को ईमानदारी दिखानी होगी।”
उन्होंने दो टूक कहा कि अब गेंद INDIA गठबंधन के पाले में है — वे तय करें कि इस लड़ाई में AIMIM उनके साथ होगी या अकेले ही मोर्चा लेगी।
गठबंधन नहीं बना तो सीमांचल और अन्य सीटों पर उतरेंगे
ओवैसी ने साफ किया कि अगर INDIA गठबंधन AIMIM को साथ नहीं लेता, तो वह सीमांचल क्षेत्र के साथ-साथ अन्य इलाकों से भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने कहा —
“मैं हर जगह से लड़ने को तैयार हूं, लेकिन अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। समय आने दीजिए।”
“तोड़े जाने के बावजूद हम साथ देने को तैयार हैं”
AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि भले ही महागठबंधन ने पूर्व में उनकी पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की हो, फिर भी वे NDA को रोकने के लिए साथ आने को तैयार हैं।
“अगर हमें बीजेपी को रोकना है, तो हमें पुरानी बातें भुलाकर साथ आना होगा।”
NDA को रोकना AIMIM के बूते की बात नहीं?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओवैसी की मंशा भले ही विपक्ष को एकजुट करने की हो, लेकिन बिहार की राजनीति में AIMIM की वर्तमान ताकत सीमित है। मुकाबला सीधा NDA (नीतीश कुमार) और INDIA गठबंधन (तेजस्वी यादव) के बीच माना जा रहा है। ऐसे में ओवैसी को अपनी जगह मजबूत करने के लिए गठबंधन की जरूरत है।
ओवैसी ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह सिर्फ आलोचक नहीं, बल्कि गठबंधन की राजनीति में भी हिस्सेदारी चाहते हैं। अब देखना यह होगा कि INDIA गठबंधन उन्हें एक “वोटकटवा” मानता है या बिहार में एक संभावित साथी।
फैसला जल्द आना चाहिए, क्योंकि सियासत में वक्त सबसे बड़ी पूंजी होता है।