Tuesday, July 1, 2025
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ग्रेटर नोएडा में ‘ग्राइंडर गैंग’ का पर्दाफाश — डेटिंग ऐप के जरिए फर्जी मुलाकातें, फिर लूट और हिंसा; छह गिरफ्तार

ग्रेटर नोएडा: सूरजपुर कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो गे डेटिंग ऐप ‘Grindr’ का दुरुपयोग कर लोगों को लूटने का संगठित नेटवर्क चला रहा था। पुलिस ने छह शातिर बदमाशों को गिरफ्तार कर पिछले हफ्ते घटी दो घटनाओं की गुत्थी सुलझा ली है। आरोपियों की गिरफ्तारी 130 मीटर रोड से हुई।


ऐसे फंसाते थे शिकार

गिरोह का काम करने का तरीका बेहद चालाक था। आरोपी Grindr ऐप पर फर्जी प्रोफाइल बनाते, फिर वहां पुरुषों से दोस्ती कर मुलाकात के बहाने सुनसान जगह बुलाते थे। पीड़ित जब मौके पर पहुंचता, तो उसे कार में जबरन बैठाकर मारपीट की जाती, मोबाइल फोन छीने जाते और फिर UPI से पैसों की जबरन ट्रांसफर करवाई जाती थी।
वारदात के बाद आरोपी मोबाइल फेंककर भाग जाते ताकि कोई डिजिटल सबूत न बचे।


गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी

डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार है:

विशाल (दादरी निवासी)

शिवम और यश (ग्राम नया बांस, अलीगढ़; वर्तमान पता दादरी)

मोहित सिंह सोलंकी (ग्राम धूममानिकपुर)

अमन (पियावली निवासी)

सूरज सिंह (खटाना धीरखेड़ा, गौतमबुद्ध नगर)

पुलिस ने इनके कब्जे से ₹19,500 नकद, एक बिना नंबर प्लेट की कार, एक मोबाइल फोन और दो अवैध चाकू बरामद किए हैं।


वारदातों की टाइमलाइन

19 जून: एक युवक को रूपबांस तिराहे बुलाकर कार में पीटते हुए लूटा गया।

25 जून: मिग्सन ग्रीन सोसाइटी के बाहर एक और युवक को निशाना बनाकर उसी पैटर्न पर लूट की गई।

दोनों मामलों में सूरजपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।


‘फाइनेंसर’ मॉडल: ऑनलाइन रकम पर 20% कमीशन

जांच में सामने आया कि आरोपी अमन और सूरज, गिरोह में ‘फाइनेंसर’ की भूमिका निभाते थे।
UPI से जो भी रकम जबरन ट्रांसफर करवाई जाती थी, उसका 20% कमीशन काटकर बाकी पैसे गैंग के अन्य सदस्यों को सौंपते थे।
फिलहाल पुलिस यह भी जांच कर रही है कि लूटी गई डिजिटल राशि का ट्रैक कहां और कैसे गया।


AOA और अथॉरिटी को भी बढ़ानी होगी सतर्कता

AOA (Apartment Owners Association) और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को अब सतर्क होना होगा।
बिना सत्यापन और बिना निगरानी के डेटिंग ऐप आधारित मुलाकातें अब सोसाइटियों के लिए सुरक्षा खतरा बनती जा रही हैं।
सुरक्षा की नई रणनीति समय की मांग है।


सोशल मीडिया पर तंज:

“डेटिंग ऐप पर इश्क़ नहीं, इनकम टैक्स की रेड जैसा अनुभव मिल रहा है!”


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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
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