“आईएसआईएस-के के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाइयां सराहनीय, लेकिन भारत के साथ संबंध भी उतने ही अहम”
वॉशिंगटन डी.सी.
अमेरिकी सेंट्रल कमान (CENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस में एक अहम बयान देते हुए कहा कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के साथ संतुलित और मजबूत संबंध बनाए रखने होंगे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कोई “या तो-या” की स्थिति नहीं है, जहां अमेरिका को किसी एक देश के पक्ष में खड़ा होना पड़े और दूसरे से दूरी बनानी पड़े।
“यह कोई स्विच ऑन-ऑफ करने जैसी नीति नहीं”
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की सशस्त्र सेवा समिति (House Armed Services Committee) के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक सैन्य हालात पर चर्चा के दौरान जनरल कुरिल्ला ने कहा:
“हमें भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ काम करना होगा। यह कोई ऑन-ऑफ स्विच नहीं है कि अगर हम भारत के साथ खड़े हैं तो पाकिस्तान से दूरी बना लें। हमें दोनों देशों के साथ रिश्तों की संभावनाओं और चुनौतियों को समझना और संतुलन बनाए रखना होगा।”
ISIS-K के खिलाफ पाकिस्तान की भूमिका की तारीफ
जनरल कुरिल्ला ने दक्षिण एशिया में आईएसआईएस-खुरासान (ISIS-K) के बढ़ते खतरे का हवाला देते हुए कहा कि यह संगठन अमेरिका, उसके सहयोगियों और वैश्विक स्थिरता के लिए सबसे बड़ा आतंकी खतरा बना हुआ है। उन्होंने बताया कि तालिबान और ISIS-K के बीच दुश्मनी के कारण यह संगठन अब अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर सक्रिय है।
कुरिल्ला के अनुसार,
“पाकिस्तान ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर इस संगठन के खिलाफ महत्वपूर्ण अभियान चलाए हैं, जिनमें दर्जनों आतंकियों को मारा गया और 5 शीर्ष कमांडरों को गिरफ्तार किया गया।”
2021 काबुल हमले के आरोपी को सौंपा
जनरल कुरिल्ला ने खुलासा किया कि पाकिस्तान ने 26 अगस्त 2021 को काबुल एयरपोर्ट बम धमाके के मास्टरमाइंड मोहम्मद शरीफुल्लाह उर्फ जफर को गिरफ्तार करके अमेरिका को सौंप दिया। इस आतंकी हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों सहित 160 से अधिक लोग मारे गए थे।
“पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने मुझे फोन करके बताया – ‘हमने शरीफुल्लाह को पकड़ लिया है और हम उसे अमेरिका को सौंपने के लिए तैयार हैं।’ यह अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सफल खुफिया सहयोग का उदाहरण है।”
भारत के साथ संबंध भी रणनीतिक रूप से आवश्यक
हालांकि जनरल कुरिल्ला ने भारत को लेकर अधिक विवरण साझा नहीं किया, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के साथ संबंध अमेरिका की रणनीतिक प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
“भारत और अमेरिका के संबंध रक्षा, तकनीक, व्यापार और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करना हमारी नीति का अहम हिस्सा रहेगा।”
दक्षिण एशिया की बदलती राजनीति में अमेरिका का संतुलन
जनरल कुरिल्ला का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक समीकरण तेज़ी से बदल रहे हैं –
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अफगानिस्तान में तालिबान शासन,
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पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता,
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और भारत की वैश्विक कूटनीति में बढ़ती भूमिका,
इन सबके बीच अमेरिका के लिए संतुलन बनाए रखना अब सिर्फ कूटनीति नहीं, बल्कि रणनीतिक अनिवार्यता बन चुका है।
🔍 मुख्य बिंदु (Key Takeaways):
✅ अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों से रिश्ते बनाए रखने होंगे
✅ यह कोई ‘या-तो’ स्थिति नहीं – दोनों देशों के साथ संतुलन ज़रूरी
✅ पाकिस्तान ने ISIS-K के खिलाफ अमेरिकी खुफिया सहयोग से की बड़ी कार्रवाइयां
✅ 2021 काबुल हमले के मुख्य आरोपी को अमेरिका को सौंपा
✅ भारत के साथ भी रक्षा और रणनीतिक संबंध अमेरिका की प्राथमिकता
✅ दक्षिण एशिया में अमेरिका की रणनीति अब और ज़्यादा संतुलनकारी