
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी तापमान तेजी से बढ़ रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर बिहार के दौरे पर पहुंचने वाले हैं—पिछले पांच महीनों में यह उनका चौथा दौरा होगा, जो राज्य में पार्टी की चुनावी सक्रियता को दर्शाता है। इस बार उनके साथ कांग्रेस के 60 वरिष्ठ नेता भी रहेंगे, जो राज्यभर में दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों से सीधा संवाद करेंगे।
दरभंगा से शुरू होगा शिक्षा न्याय संवाद, कन्हैया कुमार को मिलेगी हरी झंडी
15 मई को राहुल गांधी दरभंगा में ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। इसी मंच से वह कन्हैया कुमार की ‘शिक्षा न्याय यात्रा’ को भी हरी झंडी दिखाएंगे। कांग्रेस का दावा है कि यह यात्रा शिक्षा व्यवस्था की खामियों, सत्रों में देरी, पेपर लीक और छात्रों के दमन जैसे मुद्दों को उठाएगी।
पटना में ‘फुले’ फिल्म का विशेष प्रदर्शन, दलित समुदाय से सीधा जुड़ाव
पटना में राहुल गांधी सामाजिक सुधारक ज्योतिराव फुले पर आधारित फिल्म ‘फुले’ का विशेष प्रदर्शन देखेंगे। इस कार्यक्रम में सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि और दलित कार्यकर्ता भी शामिल होंगे। यह आयोजन कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पार्टी दलित और ईबीसी समुदायों के बीच अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।
दलित छात्रावासों में संवाद, छात्रों से फीडबैक के आधार पर बनेगा न्याय पत्र
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वे कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और छात्रावासों में जाकर छात्रों से संवाद करेंगे। इन फीडबैक के आधार पर पार्टी एक ‘न्याय पत्र’ तैयार करेगी, जो विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र के रूप में पेश किया जाएगा। खासकर सीमांचल और मिथिलांचल के आंबेडकर छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को दरभंगा की जनसभा में आमंत्रित किया गया है।
राजेश राम की नियुक्ति और जातीय संतुलन की राजनीति
हाल ही में कांग्रेस ने राजेश राम को बिहार प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर यह संकेत दिया है कि पार्टी का पूरा फोकस दलित और पिछड़े वर्ग पर है। विभिन्न जिलों में दलित नेताओं को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जिससे स्पष्ट है कि पार्टी सामाजिक न्याय की राजनीति को पुनः केंद्र में लाना चाहती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा बनाम शिक्षा नीति: केंद्र सरकार पर कांग्रेस का हमला
जहां एक ओर कांग्रेस राज्य में शिक्षा मुद्दों को लेकर आक्रामक रुख अपना रही है, वहीं दूसरी ओर पार्टी ने केंद्र सरकार की सीजफायर नीति पर भी सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई का समर्थन तो किया, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का हवाला देकर मोदी सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर सवाल उठाए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में मधुबनी की रैली में “आतंकियों को मिट्टी में मिला देने” का बयान दिया था, जिससे यह साफ है कि चुनाव के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा, शिक्षा और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दे बिहार की सियासत में अहम भूमिका निभाएंगे।