
नई दिल्ली।
पाकिस्तान पर बीती रात भारतीय सेना द्वारा किए गए सटीक और निर्णायक हमले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस घटनाक्रम के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने देश के सीमावर्ती राज्यों के मुख्यमंत्रियों, पुलिस महानिदेशकों (DGPs), मुख्य सचिवों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ एक आपात बैठक बुलाई है। यह महत्वपूर्ण बैठक आज दोपहर 2 बजे से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुरू होगी।
तेजी से बदलते हालात, रणनीतिक तैयारियों पर फोकस
6 और 7 मई की दरमियानी रात भारत द्वारा पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमलों के बाद, सीमावर्ती इलाकों में सैन्य और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। आज हुई सेना और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस वार्ता में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी इस ओर इशारा किया कि हालात लगातार बदल रहे हैं और अगला कदम हालात के मुताबिक तय किया जाएगा।
किस-किस राज्यों को किया गया तलब?
गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली इस आपात बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, लद्दाख के मुख्यमंत्री या राज्यपाल, DGP और मुख्य सचिवों को शामिल किया गया है। साथ ही नेपाल से सटे सीमावर्ती राज्यों को भी सतर्क रहने को कहा गया है। इन राज्यों के सुरक्षा प्रमुखों से भी जमीनी स्थिति की रिपोर्ट मांगी गई है।
बैठक के प्रमुख एजेंडे
- अंतरराष्ट्रीय सीमा (IB) और नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थिति की समीक्षा
- संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती
- नागरिक सुरक्षा और अलर्ट मैकेनिज़्म की समीक्षा
- शरणार्थी या आतंकियों की संभावित घुसपैठ को लेकर रणनीति
- राज्यों को संभावित साइबर व युद्ध संबंधी दुष्प्रचार से सतर्क रहने की हिदायत
राष्ट्रीय सुरक्षा में राज्य-केंद्र समन्वय का उदाहरण
यह बैठक बताती है कि भारत सरकार किसी भी चुनौती के प्रति पूरी तरह सजग और तत्पर है। सीमावर्ती राज्यों की भागीदारी से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की चौकसी दोनों मजबूत हाथों में है।