
Waqf Bill: वक्फ संशोधन विधेयक के कानून बनने से पहले ही इसका सुप्रीम कोर्ट में जाना लगभग तय माना जा रहा है। इस विधेयक को लेकर संसद में भारी बहस और देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जहां सरकार इसे वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए ज़रूरी बता रही है, वहीं विपक्षी दल और मुस्लिम संगठनों का दावा है कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर सीधा हमला है।
DMK, कांग्रेस और कई मुस्लिम संगठनों ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की घोषणा कर दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वक्फ कानून का हश्र भी CAA, नोटबंदी, धारा 370 और इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे बड़े और विवादित मामलों जैसा होगा? आइए, जानते हैं कि इन मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया था और वक्फ कानून पर आगे क्या हो सकता है।
धारा 370: सरकार के फैसले को मिली सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी
5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया और इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चुनौती के तौर पर पहुंचा, लेकिन लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार के इस फैसले को सही ठहराया।
नोटबंदी: SC ने मोदी सरकार के फैसले को सही ठहराया
8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों को अवैध करार देने का फैसला हुआ था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और जनवरी 2023 में 4-1 के बहुमत से अदालत ने सरकार के फैसले को संवैधानिक करार दिया।
इलेक्टोरल बॉन्ड: SC ने इसे असंवैधानिक घोषित किया
इलेक्टोरल बॉन्ड को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुनावी पारदर्शिता के नाम पर पेश किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2024 में इसे आरटीआई कानून का उल्लंघन बताते हुए असंवैधानिक घोषित कर दिया।
CAA: अब भी कोर्ट में लंबित, रोक लगाने से SC का इनकार
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए और यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। हालांकि, अदालत ने 2023 में CAA नियमों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। लेकिन अभी तक इस पर अंतिम फैसला नहीं आया।
अब वक्फ संशोधन कानून पर क्या होगा?
अब सवाल यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून को भी सरकार के पिछले फैसलों की तरह मंजूरी देगा या फिर इलेक्टोरल बॉन्ड की तरह इसे असंवैधानिक करार दिया जाएगा?
विपक्ष का दावा है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए लाया गया है। दूसरी ओर, सरकार इसे पारदर्शिता लाने का जरिया बता रही है। सुप्रीम कोर्ट में इस पर होने वाली सुनवाई पर पूरा देश निगाहें गड़ाए हुए है।
संभावित नतीजे:
सरकार को राहत: अगर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला दिया, तो यह धारा 370 और नोटबंदी की तरह कानूनी रूप से वैध हो जाएगा।
कानून रद्द हो सकता है: अगर कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड की तरह इसे असंवैधानिक माना, तो यह सरकार के लिए बड़ा झटका होगा।
लंबी कानूनी लड़ाई: CAA की तरह यह मामला सालों तक लंबित रह सकता है और चुनावी मुद्दा भी बन सकता है।
अब सवाल यह है – क्या वक्फ कानून का हश्र भी CAA, नोटबंदी और धारा 370 जैसा होगा? या फिर सरकार को कोर्ट में झटका लगेगा? आपकी क्या राय है?

VIKAS TRIPATHI
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