
महाराष्ट्र के नागपुर में भड़की हिंसा के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। विधानसभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को “सुनियोजित हमला” करार देते हुए स्पष्ट किया कि हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने “छावा” फिल्म और औरंगजेब का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस पर हमला करने वाले किसी भी सूरत में बच नहीं पाएंगे, चाहे वे कहीं भी छिपे हों।
नागपुर में बढ़ी सुरक्षा, 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू
सोमवार देर रात हुई हिंसा के बाद नागपुर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और पूरे शहर में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती की गई है। पुलिस द्वारा 40 से 50 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया कि हिंसा प्रभावित इलाकों से ट्रॉली भरकर पत्थर और हथियार बरामद किए गए हैं। हमलावरों ने चिन्हित घरों और दुकानों को निशाना बनाकर उन्हें जलाने की कोशिश की। उन्होंने चेतावनी दी कि दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
“छावा” फिल्म से बढ़ा गुस्सा, लेकिन हिंसा अस्वीकार्य: फडणवीस
मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने बयान में कहा कि हाल ही में रिलीज़ हुई “छावा” फिल्म ने लोगों में औरंगजेब के प्रति आक्रोश को बढ़ा दिया है। लेकिन किसी भी हाल में कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा, “यह पूरी घटना पूर्व नियोजित प्रतीत होती है, लेकिन राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।”
पुलिस पर जानलेवा हमला, कई घायल
हिंसा के दौरान 33 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें से तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। कुछ पुलिसवालों पर तलवार और कुल्हाड़ी से हमला किया गया, जिसमें एक पुलिसकर्मी की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इसके अलावा, हिंसा में 5 आम नागरिकों पर हमला हुआ और कई लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया।
- 12 दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त
- 1 क्रेन और 2 JCB मशीनों को आग के हवाले किया गया
- कई चार पहिया वाहन जलकर राख हो गए
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का बयान: “घटना सोची-समझी साजिश थी”
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने भी इस हिंसा को एक पूर्व नियोजित साजिश करार दिया। उन्होंने कहा,
“मोमिनपुरा इलाके में जहां 100-150 गाड़ियां रोज खड़ी रहती थीं, वहां हिंसा के दिन एक भी गाड़ी नहीं थी। इससे साफ है कि दंगे की पहले से योजना बनाई गई थी।”
“औरंगजेब का महिमामंडन देशद्रोह के समान” – शिंदे
एकनाथ शिंदे ने कहा कि पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में औरंगजेब का महिमामंडन करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया,
“आखिर क्यों औरंगजेब को नायक की तरह पेश किया जा रहा है? इसके पीछे कौन लोग हैं और उनका मकसद क्या है? सरकार इसकी गहराई से जांच करेगी।”
उन्होंने कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक औरंगजेब द्वारा अमानवीय यातनाएं दी गई थीं। उनकी जीभ काट दी गई, आंखों में गरम पत्थर डाले गए और उबलते तेल में डुबाया गया। ऐसे व्यक्ति का महिमामंडन करना छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज का अपमान है।
“औरंगजेब महाराष्ट्र पर धब्बा”
शिंदे ने दो टूक कहा,
“हम किसी समुदाय के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन कोई भी सच्चा देशभक्त मुसलमान भी औरंगजेब का समर्थन नहीं करेगा। औरंगजेब महाराष्ट्र के लिए एक काला धब्बा है।”
“दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी” – फडणवीस
मुख्यमंत्री फडणवीस और डिप्टी सीएम शिंदे ने स्पष्ट किया कि हिंसा फैलाने वाले किसी भी सूरत में नहीं बचेंगे। पुलिस CCTV फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर रही है और जल्द ही गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ सकती है।
नितिन गडकरी ने भी की शांति की अपील
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए नागपुर के नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा,
“नागपुर का इतिहास हमेशा से शांतिपूर्ण रहा है। मैं सभी नागरिकों से अनुरोध करता हूं कि अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।”
निष्कर्ष: माहौल तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में
नागपुर हिंसा ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। एक तरफ सरकार इसे सुनियोजित हमला बता रही है, तो दूसरी तरफ विपक्ष सरकार की विफलता पर सवाल उठा रहा है।
फिलहाल, शहर में हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन प्रशासन ने सख्त चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने या दंगे भड़काने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

VIKAS TRIPATHI
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