Tuesday, July 1, 2025
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संसद में रहेंगे अमृतपाल सिंह, लेकिन उपस्थिति पर सस्पेंस बरकरार: हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की

लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज करने वाले खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। संसद में उनकी अनुपस्थिति के कारण सदस्यता रद्द होने का खतरा बना हुआ था, लेकिन अदालत ने उनकी सदस्यता को बरकरार रखा। हालांकि, संसद की कार्यवाही में भाग लेने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया, जिससे उनकी संसद में उपस्थिति पर अब भी अनिश्चितता बनी हुई है

अमृतपाल सिंह की याचिका खारिज, लोकसभा ने दी थी 54 दिन की छुट्टी

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल की खंडपीठ ने अमृतपाल सिंह की संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगने वाली याचिका खारिज कर दी। अमृतपाल खडूर साहिब सीट से लोकसभा सांसद हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अदालत को सूचित किया कि लोकसभा ने अमृतपाल को 54 दिनों की अनुपस्थिति की छुट्टी दी है। केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने लोकसभा सचिवालय द्वारा अमृतपाल को भेजे गए पत्र को रिकॉर्ड में रखा।

लोकसभा अध्यक्ष ने बनाई 15 सदस्यीय समिति

अमृतपाल सिंह ने 30 नवंबर और 16 दिसंबर, 2024 को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। उनका तर्क था कि अगर वे 60 दिनों तक अनुपस्थित रहते हैं, तो उनकी सदस्यता खत्म हो सकती है

इसके बाद, लोकसभा अध्यक्ष ने 15 सदस्यीय समिति गठित की, जिसने उनके 54 दिनों की अनुपस्थिति को मंजूरी दे दी। हालांकि, उनकी आगे की उपस्थिति को लेकर अब भी संशय बना हुआ है

राज्य सरकार ने किया विरोध, अदालत ने दी संविधानिक नजीरों का हवाला

अमृतपाल की याचिका पर पंजाब सरकार ने कड़ा विरोध जताया। राज्य सरकार के वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने अदालत में दलील दी कि हिरासत में रहने वाले व्यक्ति को संसद की कार्यवाही में भाग लेने का कोई संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि संविधान में ऐसे मामलों पर स्पष्ट स्थिति दी गई है। हाईकोर्ट ने भी इस तर्क को स्वीकार करते हुए अमृतपाल सिंह की याचिका खारिज कर दी

कौन हैं अमृतपाल सिंह और क्यों हैं जेल में?

अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने 23 अप्रैल, 2023 को गिरफ्तार किया था। वह लगभग दो वर्षों से NSA के तहत हिरासत में हैं और उनके खिलाफ हत्या, अपहरण, हिंसा और UAPA के तहत कई गंभीर मामले दर्ज हैं

  • अमृतपाल दुबई में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े थे, लेकिन अगस्त 2022 में भारत लौटे।
  • उन्होंने अभिनेता दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए संगठन “वारिस पंजाब दे” की कमान संभाली
  • उनके समर्थकों ने अजनाला थाने पर हमला किया था, जिसे लेकर भारी विवाद हुआ था।
  • उन पर सिख अलगाववाद को बढ़ावा देने और खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं।
  • गुरुद्वारों में तोड़फोड़ और जबरन धर्म परिवर्तन जैसे आरोप भी उनके खिलाफ लगे हैं।

लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड जीत, लेकिन संसद में जाने पर रोक

अमृतपाल सिंह ने 2024 का लोकसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा और 2 लाख से अधिक वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की

  • उनकी अनुपस्थिति में उनके माता-पिता और परिवार ने चुनाव प्रचार किया
  • पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सहित कई कांग्रेस नेताओं ने अमृतपाल को संसद में आने देने की वकालत की
  • जुलाई 2024 में संसद में इस मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ था

जेल में बंद नेताओं के संसद जाने पर क्या है कानून?

  • भारतीय कानून के अनुसार, अगर कोई सांसद हिरासत में है, तो उसे संसद में आने के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी
  • हालांकि, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले स्पष्ट करते हैं कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति को यह अधिकार स्वतः नहीं मिलता
  • इससे पहले कश्मीरी नेता इंजीनियर राशिद की संसद में उपस्थिति को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।

क्या आगे संसद जा पाएंगे अमृतपाल?

लोकसभा की 54 दिन की छुट्टी से उनकी सदस्यता बच गई है, लेकिन अगर वे 60 दिनों तक और गैरहाजिर रहते हैं, तो उनकी सदस्यता पर फिर संकट आ सकता है

  • हाईकोर्ट ने अमृतपाल को संसद में जाने की अनुमति नहीं दी
  • अब यह लोकसभा अध्यक्ष और केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह उन्हें सत्र में बुलाने की अनुमति देंगे या नहीं।
  • अगर संसद में उनकी लगातार अनुपस्थिति रही, तो उनकी सदस्यता रद्द भी हो सकती है

अमृतपाल सिंह को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलीसंसद सत्र में भाग लेने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई, जिससे उनकी लोकसभा में उपस्थिति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। हालांकि, लोकसभा ने उनकी 54 दिन की अनुपस्थिति को मंजूरी देकर फिलहाल उनकी सदस्यता बचा ली है

अब सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार उन्हें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति देगी, या उनकी सदस्यता पर दोबारा खतरा मंडराएगा? इसका जवाब आने वाले दिनों में साफ होगा। 🚨

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