
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के बाद अब असम पहुंचे, जहां उन्होंने ‘झुमोइर बिनंदिनी’ कार्यक्रम में शिरकत की। गुवाहाटी के सरुसजाई स्टेडियम में उनके स्वागत में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
चाय की सुगंध और झूमर नृत्य की छटा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा,
“पूरा स्टेडियम उल्लास और उमंग से गूंज रहा है। इस जबरदस्त तैयारी में चाय बागानों की सुगंध भी है और उनकी सुंदरता भी। चाय की खूशबू को एक चाय वाले से ज्यादा कौन जान सकता है!”
असमिया भाषा को मिला शास्त्रीय भाषा का दर्जा
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है, जिसका असम के लोग दशकों से इंतजार कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा,
“मैं काजीरंगा में रुकने वाला और उसकी जैव विविधता को दुनिया तक पहुंचाने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं।”
चराईदेव मोइदम को मिला यूनेस्को का विश्व धरोहर सम्मान
पीएम मोदी ने असम के चराईदेव मोइदम को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार असम के विकास और जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए निरंतर काम कर रही है।
गर्भवती महिलाओं को ₹15,000 की आर्थिक सहायता
असम सरकार की पहल के तहत करीब 1.5 लाख गर्भवती महिलाओं को प्रत्येक को ₹15,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। पीएम मोदी ने बताया कि असम चाय निगम के कर्मचारियों के लिए बोनस की घोषणा भी की गई है, जिससे चाय बागानों में काम करने वाली महिलाओं को विशेष लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी ने बजाया पारंपरिक ‘ढोल धोमसा’
अपने असम दौरे के दौरान पीएम मोदी ने चाय बागान समुदाय द्वारा बजाया जाने वाला पारंपरिक ‘ढोल धोमसा’ भी बजाया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा,
“प्रधानमंत्री ने चाय बागान समुदाय के हमारे भाइयों और बहनों द्वारा बजाया जाने वाला पारंपरिक ढोल धोमसा बजाकर इस संस्कृति को अपनाने का अद्भुत उदाहरण दिया है।”
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