
Election Commissioner Gyanesh Kumar Appointed as Chief: देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार होंगे। वह राजीव कुमार की जगह लेंगे, जो 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। 19 फरवरी को ज्ञानेश कुमार पदभार संभालेंगे और उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। राष्ट्रपति ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यालय की अवधि) अधिनियम-2023 के तहत उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की। वहीं, चुनाव आयुक्त के रूप में डॉ. विवेक जोशी की नियुक्ति हुई है।
राहुल गांधी ने जताई असहमति, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस नियुक्ति पर असहमति नोट भेजा। कांग्रेस ने इस प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने जल्दबाजी में बैठक बुलाकर मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की। कांग्रेस नेताओं ने मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 19 फरवरी को होने वाली सुनवाई के मद्देनजर बैठक को स्थगित किया जाए।
चयन प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, कांग्रेस ने बताया असंवैधानिक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अजय माकन, अभिषेक मनु सिंघवी और गुरदीप सप्पल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। उनका कहना है कि सरकार को तब तक नियुक्ति रोकनी चाहिए थी जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता।
‘कार्यपालिका के अधीन हो जाएगा चुनाव आयोग’ – कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चयन समिति में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बहुमत दिया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च 2023 को अपने फैसले में कहा था कि समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायाधीश होने चाहिए। पार्टी ने सवाल उठाया कि मुख्य न्यायाधीश को समिति से बाहर क्यों रखा गया?
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यदि नियुक्ति केवल कार्यपालिका के हाथ में होगी, तो यह आयोग को पक्षपाती बना सकता है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ऐसा चुनाव आयुक्त चाहती है जो उसके खिलाफ न जाए।
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठे सवाल
कांग्रेस नेताओं ने आगाह किया कि इस तरह की चयन प्रक्रिया से भारतीय चुनाव प्रणाली की स्वतंत्रता और निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। उन्होंने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में उचित निर्णय ले और चुनाव आयोग की स्वायत्तता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए।