Tuesday, July 1, 2025
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: अव्यवस्था, अफवाह या लापरवाही – कौन है ज़िम्मेदार?

New Delhi Railway Station Stampede: शनिवार, 15 फरवरी की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जो हुआ, वह महज़ एक हादसा नहीं था, बल्कि एक गंभीर प्रशासनिक चूक का नतीजा भी हो सकता है। इस भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने रेलवे प्रशासन और भीड़ नियंत्रण व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

हादसे की मुख्य वजह: अफरा-तफरी या गलत घोषणा?

रेलवे मंत्रालय की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा की गई थी। प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर पटना जाने वाली मगध एक्सप्रेस और प्लेटफॉर्म 15 पर उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस खड़ी थी। यात्रियों के अनुसार, प्लेटफॉर्म बदलने की सूचना देर से दी गई, जिससे अचानक यात्रियों में हड़बड़ी मच गई और लोग 14 व 15 नंबर प्लेटफॉर्म के बीच सीढ़ियों पर भागने लगे।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि एक यात्री के फिसलकर गिरने के बाद पीछे के कई यात्री उन पर गिरते चले गए। यही भगदड़ का कारण बना। लेकिन सवाल यह है कि—
🔴 अगर प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा पहले ही कर दी जाती, तो क्या इतनी भीड़ सीढ़ियों पर जमा होती?
🔴 क्या रेलवे ने भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त व्यवस्था की थी?
🔴 क्या यात्रियों को गाइड करने के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी मौजूद थे?

रेलवे की घोर लापरवाही?

रेलवे प्रशासन भले ही हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण संयोग बता रहा हो, लेकिन यात्रियों का कहना है कि यह एक प्रबंधकीय चूक थी।
✅ प्लेटफॉर्म बदलने की सूचना ठीक से और समय पर नहीं दी गई।
✅ सीढ़ियों पर लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं किए गए।
✅ स्टेशन पर अनाउंसमेंट की स्पष्टता की कमी थी, जिससे लोग घबरा गए।
✅ भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त रेलवे पुलिस बल (RPF) और सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) मौजूद नहीं थे।

बिहार और दिल्ली के यात्रियों की सबसे ज्यादा मौत

हादसे में जान गंवाने वालों में बिहार के 9, दिल्ली के 8 और हरियाणा के 1 व्यक्ति शामिल हैं। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। सवाल उठता है कि यात्रियों को सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए थे?

क्या रेलवे सिर्फ़ मुआवजा देकर पल्ला झाड़ लेगा?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर दुख जताते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। लेकिन सवाल यही है कि—
🔴 क्या सिर्फ़ मुआवजा देने से रेलवे की ज़िम्मेदारी खत्म हो जाएगी?
🔴 इस घटना से सीख लेकर रेलवे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाएगा?

यात्रियों की सुरक्षा पर कब ध्यान देगा रेलवे?

हर साल रेलवे में होने वाली भगदड़, पटरी से उतरने और अन्य हादसों में सैकड़ों लोग मारे जाते हैं। लेकिन रेलवे प्रशासन तब तक नहीं जागता, जब तक कोई बड़ा हादसा नहीं हो जाता। इस बार भी यही हुआ। अब देखना यह है कि इस बार कोई ठोस बदलाव आएगा या फिर यह घटना भी अन्य हादसों की तरह भुला दी जाएगी?

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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