
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने किसानों के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को अनदेखा कर रही है और उनकी बातों को महत्व नहीं दे रही। सुरजेवाला ने यह सवाल उठाया कि अगर कॉरपोरेट्स को टैक्स में छूट मिल सकती है तो किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ किया जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि अगर किसान दिल्ली आना चाहते हैं तो उन्हें रोका क्यों जा रहा है।
किसान फिर बॉर्डर पर क्यों हैं?
सुरजेवाला ने कहा कि देश के किसानों में त्राहिमाम मचा हुआ है और यह स्थिति पहले से भी बदतर हो रही है। उन्होंने याद दिलाया कि पहले भी किसानों को तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए 378 दिनों तक बॉर्डर पर बैठना पड़ा था। अब एक बार फिर किसानों को सरकार से अपनी आवाज उठाने के लिए सड़क पर आना पड़ रहा है। सुरजेवाला ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार किसानों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है और उनकी आवाज को दबाने के लिए उन्हें रोकने के लिए तीन लेयर सुरक्षा भी लगाई जा रही है।
क्या किसान आतंकवादी हैं?
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्रीय कृषि मंत्री झूठ बोलते हैं कि किसानों को उनकी फसल की लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के रूप में कोई मदद नहीं दी गई। सुरजेवाला ने आगे कहा कि सरकार को किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और मणिपुर जैसे हालात पैदा करने से बचना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या किसान आतंकवादी या उग्रवादी हैं? आखिरकार, किसान देश के प्रधानमंत्री से मिलने के लिए क्यों नहीं आ सकते?”
MSP पर पीएम से सवाल
सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि MSP का वादा कब पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि उद्यमियों को कॉरपोरेट टैक्स में छूट मिल सकती है, तो किसानों का कर्ज माफ क्यों नहीं किया जा सकता? उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी पूछा कि क्या दिल्ली आने पर किसानों पर प्रतिबंध है और क्या यही “नया भारत” है जिसकी बात सरकार करती है?
दिल्ली आने की इजाजत क्यों नहीं?
सुरजेवाला ने कहा कि किसानों को दिल्ली आने से क्यों रोका जा रहा है, जबकि कोई भी अन्य व्यक्ति दिल्ली जा सकता है। उन्होंने कहा, “अगर हरियाणा बॉर्डर पर तीन लेयर सुरक्षा लगाई जाती है, तो वह सुरक्षा चीन के साथ सीमा पर क्यों नहीं लगाई जाती? अगर चीन हमारी सीमा पर कब्जा करने की कोशिश करता तो क्या यह सुरक्षा हमारी सीमा पर नहीं लगानी चाहिए?” उन्होंने यह भी कहा कि किसान केवल सौ लोग हैं, जो दिल्ली आकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोकने के लिए कील, नस्तर और दीवारें खड़ी की जा रही हैं।
सोमवार को अडानी मुद्दा भी उठाएंगे
रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को अडानी के मामले को उठाने की बात की और कहा कि वह किसानों के मुद्दे के साथ इसे भी उठाएंगे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते, लेकिन अगर अन्याय हुआ तो राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे इस मामले में आगे बढ़ेंगे। सुरजेवाला ने कहा, “अगर हमें लड़ाई लड़नी पड़ी तो हम इसे राजनीति से ऊपर उठाकर करेंगे, लेकिन सरकार के खिलाफ आवाज उठानी जरूरी है।”
किसानों के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
सुरजेवाला ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार को उनसे संवाद करना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा, “किसानों का संघर्ष सिर्फ उनकी मांगों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के भविष्य के लिए है। अगर हम किसानों की समस्याओं को अनदेखा करेंगे तो इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा।”
इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी और सुरजेवाला सरकार को किसानों के मुद्दे पर घेरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, और वे आगामी दिनों में इसे और अधिक प्रभावशाली ढंग से उठाने का इरादा रखते हैं।