
Sambhal News: संभल हिंसा से जुड़ी जनहित याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार को एक और राहत मिली है। पहले ही एक याचिका वापस ले ली गई थी, जबकि दूसरी याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और उनके वकील कोर्ट में पेश नहीं हुए।
कोर्ट में पेश नहीं हुए याचिकाकर्ता
महाराष्ट्र की संस्था हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में सुनवाई होनी थी। यह सुनवाई जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस सैयद कमर हसन रिजवी की बेंच में तय थी। हालांकि, सुनवाई के लिए निर्धारित समय पर न तो याचिकाकर्ता कोर्ट में पहुंचे और न ही उनकी ओर से कोई वकील उपस्थित हुआ।
सुनवाई के लिए दो बार दिया गया मौका
अदालत ने याचिकाकर्ता को सुनवाई के लिए एक और मौका देते हुए मामले को रिवाइज लिस्ट में भी शामिल किया, लेकिन दूसरी बार भी कोई पेश नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका को सामान्य लिस्टिंग में डालने का आदेश जारी कर दिया।
यूपी सरकार को राहत
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल और गवर्नमेंट एडवोकेट एके संड मौजूद थे। लगातार दूसरी बार याचिकाकर्ता की अनुपस्थिति ने यूपी सरकार को इस मामले में बड़ी राहत दी है।
संभल में प्रशासन अलर्ट
इस बीच, संभल में प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। शुक्रवार को दूसरी जुमे की नमाज होनी है, और 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी भी है। इसको लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
जिलाधिकारी ने जिले में 30 मजिस्ट्रेट्स की तैनाती की है, साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी के जवान भी तैनात किए गए हैं।
अब तक 28 गिरफ्तारियां
संभल हिंसा मामले में अब तक 28 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों से ही सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई कराई जाएगी। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।