Saturday, August 2, 2025
Your Dream Technologies
HomeNational‘इतिहास की जटिल शख्सियत हैं टीपू सुल्तान’, विक्रम संपत की किताब के...

‘इतिहास की जटिल शख्सियत हैं टीपू सुल्तान’, विक्रम संपत की किताब के विमोचन पर बोले एस जयशंकर

इतिहासकार विक्रम संपत की किताब ‘टीपू सुल्तान: द सागा ऑफ द मैसूर इंटररेग्नम’ का शनिवार (30 नवंबर 2024) को दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में विमोचन किया गया। इस मौके पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने टीपू सुल्तान को इतिहास की एक जटिल शख्सियत बताते हुए कहा कि इसे केवल जीवनी कहना एक बड़ी भूल होगी, क्योंकि यह इससे कहीं अधिक है।

जयशंकर ने कहा, “अगर आपके पास इस पुस्तक का अमेरिकी संस्करण है तो मैं इसे ‘टीपू सुल्तान के बारे में वह सब कुछ, जो आप जानना चाहते थे, लेकिन पूछने से डरते थे’ के रूप में रखने का सुझाव दूंगा।” उन्होंने आगे कहा, “टीपू सुल्तान को एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक नियंत्रण का विरोध किया। यह एक तथ्य है कि उनकी हार और मृत्यु को भारत के भाग्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा सकता है।”

इतिहास की जटिलता पर चर्चा

विदेश मंत्री ने टीपू सुल्तान के शासन के मैसूर क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “उनके शासन के प्रभाव आज भी कई क्षेत्रों में, खासकर मैसूर में, गहरे प्रतिकूल भावनाओं को जन्म देते हैं।” जयशंकर ने यह भी कहा, “भारतीय इतिहास ने मुख्य रूप से टीपू सुल्तान की अंग्रेजों के साथ लड़ाई पर ध्यान केंद्रित किया है, जबकि उनके शासन के अन्य पहलुओं को नजरअंदाज किया गया है।”

नैरेटिव का निर्माण

जयशंकर ने बताया कि यह कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि एक तयशुदा राजनीतिक प्रक्रिया थी। उन्होंने कहा, “टीपू सुल्तान के मामले में तथ्यों को चुनकर राजनीतिक नैरेटिव को बढ़ावा दिया गया। यह न सिर्फ भारत बल्कि सभी समाजों में इतिहास की जटिलता को दिखाता है। अधिक जटिल वास्तविकताओं को छोड़कर, टीपू और अंग्रेजों के बीच की बाइनरी को उजागर किया गया और सालों से एक विशेष नैरेटिव को आगे बढ़ाया गया।”

वोट बैंक की राजनीति पर टिप्पणी

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के तहत भारत ने वैकल्पिक दृष्टिकोणों का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में हमारे राजनीतिक शासन में बदलावों ने वैकल्पिक दृष्टिकोणों को जन्म दिया है। अब हम वोट बैंक की राजनीति के कैदी नहीं हैं।” पुस्तक के बारे में उन्होंने कहा, “राजनयिक होने के नाते, मुझे इस पुस्तक में टीपू सुल्तान से संबंधित दी गई जानकारी और अंतर्दृष्टि से गहरी प्रभावित हुआ हूं।”

औरंगजेब को लेकर भी दी प्रतिक्रिया

विक्रम संपत ने अक्टूबर महीने में कहा था कि एक पक्ष टीपू सुल्तान की जीवन और पहचान को नायक के रूप में प्रस्तुत कर रहा है, जबकि दूसरा इसे वोट बैंक की राजनीति के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने औरंगजेब की मजारों पर जाने वालों की आलोचना करते हुए कहा था, “कुछ लोग औरंगजेब की मजारों पर जाकर प्रार्थना करते हैं। वह एक तरह का राक्षस था, जिसने कई मंदिरों को नष्ट किया और सिख गुरुओं सहित कई निर्दोषों की हत्या की।”

- Advertisement -
Your Dream Technologies
VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

Call Now Button