
नई दिल्ली – भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। संगठन चुनाव के लिए पहले चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी, अब राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी और प्रदेश इकाइयों के समन्वय के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का एलान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कर दिया है।
किन नेताओं को मिली अहम जिम्मेदारी?
- शिवप्रकाश (राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री) को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का पर्यवेक्षक बनाया गया है। उनके साथ सरोज पांडेय, गजेंद्र सिंह पटेल और अरविंद मेनन को जिम्मेदारी दी गई है।
- सुनील बंसल को पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड और हरियाणा का केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। उनके सहयोग के लिए संजय जायसवाल, अमित मालवीय और राजू बिस्टा को लगाया गया है।
- सौदान सिंह को हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड का पर्यवेक्षक बनाया गया है। उनके साथ श्रीकांत शर्मा, राजकुमार चाहर और सतीश पूनिया रहेंगे।
- तरुण चुग को केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक और लक्षद्वीप का पर्यवेक्षक बनाया गया है, जिनके साथ नलिन कटील, पोन राधाकृष्णन और वानति श्रीनिवासन को जोड़ा गया है।
- अरुण सिंह को महाराष्ट्र, गोवा, दमन और दादर नगर हवेली की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि राधा मोहन दास अग्रवाल को राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और गुजरात का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। उनके सहयोग के लिए ऋतुराज सिन्हा और अश्विनी शर्मा को लगाया गया है।
विनोद तावड़े बने यूपी और बिहार के पर्यवेक्षक
उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों के केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े को नियुक्त किया गया है। इसे पार्टी के अंदर तावड़े के कद में बड़े इशारे के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इस नियुक्ति ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे कर दिया है।
महाराष्ट्र चुनाव से चर्चा में आए तावड़े
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान से एक दिन पहले पैसे बांटने के आरोपों को लेकर तावड़े सुर्खियों में आए थे। उन्होंने इस आरोप को सस्ता राजनीतिक हथकंडा बताते हुए विपक्ष पर जमकर पलटवार किया था। उन्होंने सुप्रिया सुले सहित कई विपक्षी नेताओं को मानहानि का नोटिस भेजा था। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रकरण से महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी को फायदा मिला था।
संगठन चुनाव की समयसीमा
बीजेपी ने 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों और 30 दिसंबर तक जिला अध्यक्षों के चुनाव कराने की योजना बनाई है। इसके बाद प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव के लिए दिल्ली में एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव जनवरी के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा, जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव फरवरी के अंत तक, दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद होने की संभावना है।