
Wayanad By-Election 2024: प्रियंका गांधी वाड्रा की वायनाड उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत ने भारतीय राजनीति में एक अनोखा मोड़ ला दिया है। इस जीत के साथ, आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार गांधी परिवार के तीन सदस्य—राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, और सोनिया गांधी—संसद में एक साथ बैठने जा रहे हैं।
गांधी परिवार के लिए ऐतिहासिक पल
आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि गांधी परिवार के तीन सदस्य एक साथ संसद में होंगे। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय भी यह अवसर नहीं आया था। दोनों ही अलग-अलग समय पर प्रधानमंत्री रहे, लेकिन परिवार के तीन सदस्य एक साथ संसद का हिस्सा कभी नहीं बने। यह जीत गांधी परिवार के राजनीतिक प्रभाव को और मजबूत करती है और कांग्रेस पार्टी के लिए एक नई ऊर्जा का संकेत है।
प्रियंका गांधी की जीत के मायने
प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में शानदार जीत दर्ज की। सोनिया गांधी राज्यसभा सांसद हैं, राहुल गांधी लोकसभा के सदस्य हैं, और अब प्रियंका गांधी ने वायनाड से लोकसभा में प्रवेश किया है। इस जीत ने कांग्रेस पार्टी को न केवल दक्षिण भारत में मजबूती दी है, बल्कि पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच एक नया जोश भी भरा है।
प्रियंका गांधी का भावुक संदेश
चुनाव जीतने के बाद प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा:
“वायनाड के मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, यह जीत आप सभी की जीत है। मैं आपके विश्वास को कभी टूटने नहीं दूंगी। मैं आपकी आवाज़ बनकर संसद में काम करने के लिए तैयार हूं। मुझे यह अवसर देने और अपने प्यार से नवाजने के लिए धन्यवाद।”
प्रियंका ने अपने परिवार और सहयोगियों का भी आभार जताया। उन्होंने लिखा:
“मेरी मां सोनिया, मेरे भाई राहुल, मेरे पति रॉबर्ट और मेरे बच्चों रेहान और मिराया ने इस सफर में जो हौसला दिया, उसके लिए मैं दिल से आभारी हूं।“
गांधी परिवार का बढ़ता असर
इस जीत के बाद गांधी परिवार की संसद में उपस्थिति न केवल उनकी राजनीतिक ताकत को दर्शाती है, बल्कि कांग्रेस पार्टी के पुनरुत्थान की उम्मीदों को भी बढ़ाती है। प्रियंका गांधी का संसद में प्रवेश पार्टी की रणनीति और भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राजनीतिक समीकरणों पर प्रभाव
प्रियंका गांधी की जीत और गांधी परिवार की सामूहिक उपस्थिति ने भारतीय राजनीति में नए समीकरण तैयार कर दिए हैं। कांग्रेस पार्टी इसे अपनी वापसी के संकेत के रूप में देख रही है, जबकि विपक्षी दलों के लिए यह एक नई चुनौती बन सकती है।
यह जीत केवल वायनाड की नहीं, बल्कि कांग्रेस के पुनर्जागरण और गांधी परिवार की ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज की जाएगी।