
मणिपुर में जारी अशांति और कानून व्यवस्था के संकट के बीच मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। राज्य के मंत्री युमनम केमचंद सिंह ने मुख्यमंत्री पर तीखा हमला करते हुए कहा कि बिरेन सिंह ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है।
सोमवार की बैठक से क्यों गायब रहे मंत्री?
सीएनएन-न्यूज़18 की रिपोर्ट के अनुसार, केमचंद सिंह सोमवार को मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई विधायकों की बैठक में शामिल नहीं हुए। बैठक में अनुपस्थित रहने पर उन्होंने कहा, “बैठक का एजेंडा कानून-व्यवस्था की समीक्षा करना था। अगर ऐसा था, तो डीजी और मुख्य सचिव को बुलाया जाना चाहिए था। विधायकों को क्यों बुलाया गया?”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ऐसी बैठक करना संभव कैसे है जब राज्य में घरों में आग लगाई जा रही हो। “प्रशासन कानून-व्यवस्था देखेगा; यह मेरा काम नहीं है। शनिवार को पारित प्रस्ताव का भी कोई मतलब नहीं है। जब हमारे घर जलाने की कोशिश की जा रही है, तो ऐसी बैठक करना संभव नहीं है,” उन्होंने कहा।
“मैं भी न्याय की मांग कर रहा हूं”
मंत्री ने स्वीकार किया कि राज्य में उग्र प्रदर्शनकारियों द्वारा मंत्रियों और विधायकों के घरों को जलाने और तोड़फोड़ करने की घटनाएं उन्हें भावनात्मक रूप से तोड़ चुकी हैं। उन्होंने कहा, “जब प्रदर्शनकारी मेरे घर आए, तो मैंने उनसे कहा कि मैं भी न्याय की मांग कर रहा हूं। मैं भी भावनात्मक रूप से टूट चुका हूं। मैंने उनसे अनुरोध किया, और उन्होंने मेरी बात समझी।”
बिरेन सिंह को इस्तीफा देना चाहिए: केमचंद सिंह
मुख्यमंत्री के आलोचक माने जाने वाले केमचंद सिंह ने जोर देकर कहा कि बिरेन सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, “राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। 18 महीने हो गए हैं, लेकिन अब तक शांति बहाल नहीं हो सकी है। मैंने उनसे कई बार इस्तीफा देने को कहा, लेकिन उन्होंने अब तक पद नहीं छोड़ा।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में शांति केवल तभी संभव होगी जब अधिक सुरक्षा बल तैनात किए जाएं और जनता को जमीनी हकीकत समझाई जाए। “वह शांति बहाल करने में नाकाम रहे हैं, तो वह पद क्यों नहीं छोड़ रहे?” केमचंद ने सवाल उठाया।
मणिपुर में हिंसा और अस्थिरता के इस दौर में मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग ने राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है।