
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी अदालत में गौतम अडानी पर लगे आरोपों में चार भारतीय राज्यों के नाम शामिल किए गए हैं। बीजेपी का दावा है कि यह मामला जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच का है, जब इन चारों राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारें थीं।
अमेरिका में गंभीर आरोप
अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 250 मिलियन डॉलर (लगभग ₹2,100 करोड़) की रिश्वत देकर भारतीय अधिकारियों से सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए लाभदायक शर्तें हासिल कीं।
बीजेपी प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने कहा, “इन चार राज्यों – ओडिशा, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश – के नाम अमेरिकी अदालत में सामने आए हैं।” उन्होंने बताया कि उस समय छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार, आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी, तमिलनाडु में डीएमके और ओडिशा में बीजेडी की सरकार थी।
बीजेपी का विपक्ष पर हमला
पात्रा ने कहा, “इन चारों राज्यों में हमारी सरकार नहीं थी। ये कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की सरकारें थीं।” उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “राहुल गांधी, यह पहला मौका नहीं है जब आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश की है। आप, आपकी पार्टी और आपकी मां 2002 से यह प्रयास कर रहे हैं।”
अडानी पर अमेरिका में लगे भ्रष्टाचार के आरोप
अमेरिकी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर और अन्य ने 2020 से 2024 के बीच ₹2,100 करोड़ की रिश्वत दी, जिससे सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट्स में ₹2 अरब डॉलर से अधिक का लाभ उठाया जा सके। यह जानकारी अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से छिपाई गई, जिनसे अडानी समूह ने इस प्रोजेक्ट के लिए अरबों डॉलर जुटाए।
अडानी समूह ने आरोपों को खारिज किया
अडानी समूह ने इन आरोपों को “बेबुनियाद” बताते हुए खारिज कर दिया। समूह ने कहा, “अमेरिकी न्याय विभाग और सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन द्वारा अडानी ग्रीन के निदेशकों पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। सभी कानूनी उपाय किए जाएंगे।”
इस बयान के बाद भी अडानी समूह के शेयरों में 20 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी अभियोजक ब्रेऑन पीस के मुताबिक, अडानी और उनके समूह के दो अन्य बोर्ड सदस्यों ने निवेशकों को गुमराह किया और रिश्वतखोरी की योजना को छिपाया।