Tuesday, July 1, 2025
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गुजरात के किसान परिवार ने ‘लकी’ वागनआर कार का किया अंतिम संस्कार, खर्च किए 4 लाख रुपये; 1,500 लोग हुए शामिल

अमरेली (गुजरात): गुजरात के अमरेली जिले में एक किसान परिवार ने अपनी 12 साल पुरानी वागनआर कार का भव्य अंतिम संस्कार कर सबको चौंका दिया। संजय पोलारा और उनके परिवार द्वारा आयोजित इस अनोखे कार्यक्रम में 1,500 से अधिक लोग शामिल हुए, जिनमें साधु-संत और आध्यात्मिक गुरु भी मौजूद थे।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

इस आयोजन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में दिखाया गया है कि पोलारा परिवार ने खेत में एक ढलान और 15 फीट गहरा गड्ढा खोदकर अपनी पुरानी वागनआर के लिए विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की। फूलों और मालाओं से सजी यह कार बड़े धूमधाम से घर से खेत तक लाई गई। कार को ढलान से चलाकर गड्ढे में उतारा गया और फिर हरे कपड़े से ढक दिया गया।

खुदाई मशीन से दी गई अंतिम विदाई

पूजा-पाठ के बाद, परिवार ने गुलाब की पंखुड़ियां चढ़ाकर कार को अंतिम विदाई दी। अंत में, खुदाई मशीन का उपयोग कर मिट्टी डाली गई और कार को पूरी तरह से दफना दिया गया।

‘लकी’ कार की समाधि

सूरत में कंस्ट्रक्शन व्यवसाय से जुड़े संजय पोलारा का कहना है कि उन्होंने यह कार 12 साल पहले खरीदी थी और यह कार उनके परिवार के लिए भाग्यशाली साबित हुई। संजय पोलारा ने बताया, “इस कार ने हमारे व्यवसाय में सफलता और परिवार को सम्मान दिलाया। यह हमारे लिए लकी रही, इसलिए इसे बेचने की बजाय मैंने इसे खेत में समाधि देकर श्रद्धांजलि दी।”

आने वाली पीढ़ियों के लिए निशानी

संजय पोलारा ने इस आयोजन पर लगभग 4 लाख रुपये खर्च किए और उन्होंने समाधि स्थल पर एक पेड़ लगाने की योजना बनाई है। उनका कहना है कि यह पेड़ आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाएगा कि उनके परिवार की ‘लकी’ कार इसी स्थान पर दफन है।

हिंदू रीति-रिवाज से संपन्न हुआ समारोह

यह समाधि समारोह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार आयोजित किया गया, जिसमें साधु-संत और धार्मिक नेता शामिल थे। करीब 1,500 लोगों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, और सभी के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया।

ग्रामीणों में चर्चा का विषय

यह अनोखा आयोजन पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। लोग इसे देखकर हैरान हैं कि कैसे एक परिवार ने अपनी पुरानी कार को इतने सम्मानपूर्वक विदा किया, जो उनकी खुशहाली का प्रतीक मानी जाती थी। कुछ लोगों ने इसे अंधविश्वास कहा, जबकि अन्य ने इसे परिवार के भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक माना।

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VIKAS TRIPATHI
VIKAS TRIPATHIhttp://www.pardaphaas.com
VIKAS TRIPATHI भारत देश की सभी छोटी और बड़ी खबरों को सामने दिखाने के लिए "पर्दाफास न्यूज" चैनल को लेके आए हैं। जिसके लोगो के बीच में करप्शन को कम कर सके। हम देश में समान व्यवहार के साथ काम करेंगे। देश की प्रगति को बढ़ाएंगे।
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