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कनाडा और भारत के बीच राजनयिक तनाव ने एक नया और खतरनाक मोड़ ले लिया है। सोमवार, 14 अक्टूबर को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा को “शिकार” करने के लिए $500,000 का इनाम घोषित किया। यह कदम कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा किए गए विवादास्पद बयानों के बाद सामने आया है।
SFJ का खतरनाक इरादा
SFJ, जो खालिस्तानी चरमपंथियों का समर्थन करने के लिए कुख्यात है, ने इस इनाम की घोषणा ट्रूडो की “डॉग व्हिसलिंग” यानी परोक्ष रूप से दिए गए हिंसा को उकसाने वाले बयान के बाद की। इस बयान में ट्रूडो ने भारतीय उच्चायुक्त और अन्य भारतीय राजनयिकों पर कनाडा में दक्षिण एशियाई नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया, लेकिन इसके समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया।
भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा को ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ करार
कनाडाई सरकार ने अभूतपूर्व तरीके से भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा को ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित कर दिया है। यह कदम राजनयिक नियमों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मानदंडों के खिलाफ है। भारतीय अधिकारियों ने कनाडा सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा की है और इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया है।
कनाडा सरकार की चुप्पी पर सवाल
जस्टिन ट्रूडो और उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब तक इन आरोपों के समर्थन में कोई भी सबूत प्रस्तुत करने में विफल रही हैं। हालांकि, ट्रूडो के इन बयानों ने खालिस्तानी उग्रवादियों को सक्रिय कर दिया है, जिससे भारतीय अधिकारियों के खिलाफ हिंसा का खतरा और बढ़ गया है।
भारत-कनाडा संबंधों में गिरावट
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव ने दोनों देशों के संबंधों में खटास ला दी है। पहले से ही कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर भारत ने चिंता जताई थी, और अब इस तरह की घटनाएं स्थिति को और बिगाड़ रही हैं। भारतीय उच्चायोग ने कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों और छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
क्या SFJ का कदम ट्रूडो की नीतियों का परिणाम है?
यह सवाल उठता है कि क्या जस्टिन ट्रूडो की सरकार की नीतियां और बयानबाजी SFJ जैसे आतंकी संगठनों को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं? खालिस्तानी उग्रवादियों को खुली छूट देना और भारतीय राजनयिकों पर बिना सबूत के आरोप लगाना कनाडा की साख पर भी गहरा सवाल खड़ा करता है।
निष्कर्ष
यह घटना कनाडा और भारत के संबंधों में एक नाजुक दौर की शुरुआत हो सकती है। भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा पर SFJ द्वारा इनाम की घोषणा ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि कनाडा की सरकार और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस स्थिति को कैसे संभालते हैं, और क्या वे आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के गंभीर आरोपों से बच पाते हैं या नहीं।
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VIKAS TRIPATHI
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