
नोएडा, सेक्टर-75:
मैक्सब्लिस व्हाइट हाउस रेजिडेंशियल सोसाइटी की AOA (Apartment Owners Association) में ₹65 लाख से अधिक की वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा उत्तर प्रदेश के सहायक निबंधक (Deputy Registrar) द्वारा कराए गए एक विशेष ऑडिट में सामने आया है।
ऑडिट रिपोर्ट में पूर्व एओए पदाधिकारियों की कार्यशैली, गैरकानूनी खर्च, नियमों की अनदेखी और पारदर्शिता की भारी कमी को विस्तार से दर्ज किया गया है। यह रिपोर्ट न केवल निवासियों के विश्वास को तोड़ती है, बल्कि हाउसिंग सोसाइटियों में पारदर्शी प्रबंधन की गंभीर आवश्यकता को भी उजागर करती है।
ऑडिट रिपोर्ट की प्रमुख बातें:
- कार्यकाल समाप्त, फिर भी कुर्सी नहीं छोड़ी:
पूर्व एओए अध्यक्ष आशीष सिंह का कार्यकाल 18 दिसंबर 2022 को समाप्त हो गया था, इसके बावजूद उन्होंने 11 अगस्त 2024 तक पद नहीं छोड़ा। इस अवधि में लिए गए कई वित्तीय निर्णयों को गैरकानूनी करार दिया गया है। - CAM शुल्क में ₹20.08 लाख की अनियमितता:
कॉमन एरिया मेंटेनेंस (CAM) फंड से ₹20.08 लाख बिना निवासियों की अनुमति या AOA की स्वीकृति के खर्च कर दिए गए। - IFMS फंड से ₹25.97 लाख की अवैध निकासी:
निवासियों के जमा IFMS फंड से बिना पारदर्शी प्रक्रिया के ₹25.97 लाख खर्च किए गए। - स्टाफ खर्चों में ₹10.33 लाख की गड़बड़ी:
सुरक्षा व सफाई स्टाफ के नाम पर फर्जी भुगतान दर्ज किए गए, जो वास्तविक खर्चों से मेल नहीं खाते। - NOC शुल्क का अवैध इस्तेमाल:
₹18.50 लाख NOC शुल्क में से कुछ राशि ₹10,000 से ₹50,000 तक नकद में खर्च की गई, जो नियमों का उल्लंघन है। - महंगी खरीदारी से वित्तीय नुकसान:
घरेलू उपयोग की वस्तुएं बाज़ार दर से कई गुना ऊंची कीमतों पर खरीदी गईं, जिससे सोसाइटी को नुकसान हुआ। - कूड़ा वसूली में ट्रांजैक्शन घोटाला:
कोषाध्यक्ष दुष्यंत कुमार द्वारा ₹10,000 मासिक नकद वसूली कर उसे अपनी बेटी के पेटीएम खाते में ट्रांसफर किया गया। - बिना GBM की स्वीकृति ₹8.33 लाख की छूट:
कुछ निवासियों को मनमाने ढंग से छूट दी गई, जिसकी कोई बैठक या आम सहमति नहीं थी। - महत्वपूर्ण दस्तावेजों की गुमशुदगी:
वर्ष 2022 की लॉगबुक और अन्य प्रशासनिक दस्तावेज ऑडिट के समय नदारद थे, जिससे संदेह और गहराया।
कुल वित्तीय नुकसान का अनुमान: ₹65 लाख से अधिक
AOA की मांग – दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई
मैक्सब्लिस व्हाइट हाउस की वर्तमान AOA ने इन गड़बड़ियों को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है और संबंधित विभागों से मांग की है कि:
- दोषियों के खिलाफ गहन जांच कराई जाए।
- आवश्यक हो तो एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए।
- निवासियों की राशि की वसूली सुनिश्चित की जाए।
AOA ने इस मामले की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से निवासियों और आमजन को दी है।
संदेश साफ है: रेजिडेंशियल सोसाइटी अब पारदर्शिता और जवाबदेही चाहती है।

VIKAS TRIPATHI
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