मुंबई पुलिस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार द्वारा फर्जी आधार कार्ड से जुड़ा खुलासा किए जाने के बाद अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पवार ने दावा किया था कि एक वेबसाइट के ज़रिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर भी फर्जी आधार कार्ड बनाया गया था, जिसका इस्तेमाल फर्जी मतदाताओं का पंजीकरण करने के लिए किया जा रहा था। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जालसाजी, पहचान चोरी, गलत जानकारी फैलाने और आईटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
वेबसाइट के संचालक और अन्य पर मामला दर्ज
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। शिकायत भाजपा के सोशल मीडिया सेल के सह-संयोजक धनंजय वागस्कर ने दर्ज कराई है। वागस्कर ने अपनी शिकायत में वेबसाइट बनाने वाले, उसके मालिक और उपयोगकर्ताओं समेत कई अज्ञात लोगों को आरोपी बताया है। उनका आरोप है कि इस वेबसाइट का उद्देश्य भाजपा की छवि धूमिल करना, समाज में नफरत फैलाना और दो समुदायों के बीच तनाव पैदा करना था।
रोहित पवार के आरोप — “फर्जी वोटर रजिस्ट्रेशन का संगठित खेल”
16 अक्टूबर को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित पवार ने दावा किया था कि उन्होंने ऐसी वेबसाइट का पता लगाया है, जो फर्जी आधार कार्ड बनाकर मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ने का काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि 2019 से 2024 के लोकसभा चुनावों के बीच 32 लाख नए वोटर जोड़े गए, जिनमें बड़ी संख्या में फर्जी पंजीकरण शामिल हैं।पवार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में महायुति की हार के बाद, मतदाता सूची में हेरफेर की गई — असली मतदाताओं के नाम हटाए गए और मृत व्यक्तियों के नाम से फर्जी वोटिंग कराई गई।
पुलिस की कार्रवाई जारी
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस पूरे प्रकरण में शामिल वेबसाइट और उससे जुड़े लोगों की पहचान करने के लिए साइबर सेल की मदद ली जा रही है। डिजिटल साक्ष्य जुटाने और वेबसाइट के सर्वर तक पहुंचने के प्रयास जारी हैं।
पुलिस का कहना है कि अगर आरोप सही पाए गए, तो गंभीर साइबर अपराध के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।














