गाजीपुर। करंडा थाना क्षेत्र के धरम्मरपुर गांव में दबंगई और पुलिस की मिलीभगत का मामला उजागर हुआ है। गांव की मंजू देवी पत्नी हरिनारायण यादव ने आरोप लगाया कि 24 अक्टूबर की शाम उनके पट्टीदार ओमप्रकाश यादव, पिंटू यादव, अजय यादव, शीला देवी और निरंजनी देवी लाठी-डंडे, चाकू और लोहे के कड़े से लैस होकर घर में घुस आए। उन्होंने मंजू देवी को गालियाँ देते हुए मारपीट की, गले से मंगलसूत्र छीन लिया और बाल पकड़कर बाहर घसीट लिया।मंजू देवी के बेटे धर्मजीत यादव के पहुंचने पर दबंगों ने चाकू से हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया, जबकि दूसरे बेटे रंजीत यादव को सिर पर लोहे के कड़े से वार कर घायल कर दिया गया। सूचना पर 112 पुलिस मौके पर पहुँची और घायलों को थाने बुलाया।पीड़िता का आरोप है कि जब वह घायलों को लेकर करंडा थाने पहुँची तो ड्यूटी पर मौजूद सिपाही मान सिंह ने एफआईआर दर्ज करने के लिए 30 हजार रुपये की मांग की। रुपये न देने पर उन्हें भगा दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि मान सिंह थानाध्यक्ष का कारखास सिपाही है और इससे पहले भी रिश्वतखोरी व फर्जी मुकदमों के मामलों में विवादों में रह चुका है।इस पर थानाध्यक्ष राजनरायन का कहना है कि पीड़ित पक्ष को मेडिकल के लिए भेजा गया था और किसी तरह की रिश्वत की बात नहीं हुई, बल्कि गलतफहमी में आरोप लगाए गए हैं। वहीं, मंजू देवी ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाते हुए सभी आरोपियों और सिपाही मान सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पीड़ित पक्ष ने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी साझा किया है, जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है।














