गाज़ियाबाद — विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस के अवसर पर भागीरथ सेवा संस्थान, फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन और राम चमेली चड्ढा विश्वास गर्ल्स कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हाल ही में गाज़ियाबाद में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सम्मेलन का उद्देश्य समाज में सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy) जैसे न्यूरो–मोटर विकारों के प्रति जनजागरूकता फैलाना, प्रभावित बच्चों व उनके अभिभावकों को वैज्ञानिक मार्गदर्शन देना और पुनर्वास के समावेशी मॉडल पर विचार–विमर्श करना था।
वरिष्ठ नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों की उपस्थिति से बढ़ा सम्मेलन का महत्व

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार में राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा (उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण; सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय) मौजूद रहे। वहीं उत्तराखंड सरकार के राज्य मंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल (हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद) विशिष्ट अतिथि थे। दोनों मंत्रियों ने संस्था के प्रयासों की सराहना की और दिव्यांगों के व्यापक समर्थन तथा कल्याण के प्रति अपने-अपने मंत्रालयों के समन्वित सहयोग का भरोसा दिया।
सम्मेलन में देशभर और विदेशों से आए प्रतिष्ठित रिहैबिलिटेशन विशेषज्ञ, फिजियोथेरेपिस्ट, ऑक्युपेशनल थेरपिस्ट, स्पीच थेरपिस्ट, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, आयुर्वेद व पैडियाट्रिक विशेषज्ञ तथा विशेष शिक्षा के विद्वान वक्ताओं ने भाग लिया। उन्होंने सेरेब्रल पाल्सी से जुड़ी आधुनिक चिकित्सकीय प्रविधियों, बहु-विषयक पुनर्वास तकनीकों, नैदानिक दृष्टिकोण और नवीन शोधों पर तकनीकी सत्रों के माध्यम से साझा किया।
इंटरएक्टिव सत्र — अभिभावकों व पेशेवरों के लिए व्यावहारिक समाधान

फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन के निदेशक डॉ. महिपाल सिंह ने बताया कि सम्मेलन में प्रभावित बच्चों, उनके अभिभावकों व पुनर्वास पेशेवरों के लिए विशेष इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किए गए, जिनमें दैनिक व्यवहारिक चुनौतियों के समाधान, होम-थम रिहैब अभ्यास और स्कूल-अनुकूल शिक्षा योजनाओं पर केंद्रित वर्कशॉप शामिल थीं। इन सत्रों का मकसद परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना और पेशेवरों के बीच बेहतरीन प्रैक्टिस को साझा कर पुनर्वास सेवा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना था।
विशेषज्ञों ने साझा किए बहुआयामी उपचार और देखभाल के मॉडल
सम्मेलन में प्रस्तुत प्रेजेंटेशन्स में फिजियोथेरेपी, ऑक्युपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, औषधीय और आयुर्वेदिक सहायक उपायों, मानसिक स्वास्थ्य समर्थन और विशेष शैक्षिक रणनीतियों के समन्वित मॉडल पर विस्तार से चर्चा हुई। पेडियाट्रिशियन और विशेष शिक्षा विशेषज्ञों ने प्रारम्भिक हस्तक्षेप, स्कूल-आधारित समावेशन और दीर्घकालिक देखभाल योजनाओं के महत्व पर जोर दिया।
सम्मान समारोह — उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सक व कर्मियों को सम्मान
सम्मेलन के दौरान उन चिकित्सकों व पेशेवरों का भी सम्मान किया गया जिन्होंने सेरेब्रल पाल्सी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। सम्मानित नामों में डॉ. त्रिभुवन सिंह, डॉ. प्रवीण कुमार, डॉ. धीरज सिंह, डॉ. नरेंद्र पांडेय, डॉ. अभिषेक पांडेय, डॉ. विजय प्रकाश और डॉ. राहुल शुक्ला प्रमुख रहे। साथ ही वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. सुनीता सूद को भी उनके चौवालीस वर्षों से अधिक सेवा के लिए विशेष रूप से मान्यता दी गई।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल उपलब्धियाँ — प्रतिभा और आत्मविश्वास का जश्न
भागीरथ स्पेशल स्कूल व फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन के दिव्यांग बच्चों ने सम्मेलन में प्रेरक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें नृत्य और प्रदर्शनात्मक कला शामिल थीं। इसके अतिरिक्त, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में संपन्न नेशनल वोचि टूर्नामेंट में गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज पदक जीतकर लौटने वाली छात्राएँ — प्राची, खुशी और आंचल — तथा उनके इंस्ट्रक्टर अंकित व कोच सुमन राजपूत को राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा ने प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। यह क्षण बच्चों की उपलब्धियों व आत्मविश्वास का प्रतीक बना।
“एक मां—एक सम्मान” पहल — माताओं को किया गया सशक्तिकरण के प्रतीक रूप में सम्मानित
सम्मेलन में “एक माँ—एक सम्मान” कार्यक्रम के तहत दिव्यांग बच्चों की उन माँओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपने परिवारों के लिए समर्पण और बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह पहल माताओं के योगदान को सेंकर कर उनकी आत्मा और सामर्थ्य को सार्वजनिक मंच पर मान्यता देने का प्रयास था।

संस्थागत प्रशंसा और आगे की प्रतिबद्धताएं
राज्य मंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने भागीरथ सेवा संस्थान और फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन की टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन दिव्यांगों के समावेशन और सामाजिक जागरूकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि संबंधित मंत्रालयों के स्तर पर आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा ताकि स्थानीय सेवाओं को और मजबूती मिल सके। फर्स्टवन रिहैब फाउंडेशन की टीम — डॉ. महिपाल सिंह, डॉ. दीक्षा सिंह और सीईओ डॉ. सुष्मिता भाटी सहित अन्य प्रमुख सदस्य समारोह में उपस्थित रहे और उन्होंने आगे चलकर निरंतर प्रशिक्षण, संसाधन और पॉलिसी-स्तरीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
समापन — संदेश: समावेशन, जागरूकता और व्यवहारिक बदलाव
दो दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ने सेरेब्रल पाल्सी के प्रति न केवल चिकित्सकीय और शैक्षिक दृष्टिकोणों का आदान–प्रदान किया, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी दिया: समाज के हर तबके को समावेशी करने के लिए नीति, सेवा वितरण और स्थानीय सशक्तिकरण पर काम करना होगा। प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों के लिए व्यापक, बहु-विषयक और व्यवहारिक समाधान ही दीर्घकालिक सुधार का आधार हैं — और इस दिशा में इस सम्मेलन ने ठोस कदम बढ़ाए हैं।














