
देशभर में वक्फ संपत्तियों पर दावों और विवादों के बीच केंद्र सरकार ईद के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक संसद में पेश करने जा रही है। इस विधेयक को लेकर सियासी हंगामा तेज हो गया है। विपक्ष और मुस्लिम संगठन सरकार पर हमलावर हैं, जबकि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने NDA के सहयोगी दलों को चेतावनी दी है कि अगर वे इस विधेयक का समर्थन करते हैं तो मुसलमान उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।
इस विवाद के बीच यह जानना जरूरी है कि अभी वक्फ बोर्ड के पास कितनी ताकत है और किन-किन बड़ी संपत्तियों पर वक्फ ने दावा किया है।
देशभर में वक्फ संपत्तियों पर दावे, कई स्थानों पर विवाद
भारत में वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है, जबकि 2009 में यह आंकड़ा 4 लाख एकड़ था। इनमें मस्जिदें, मदरसे और कब्रिस्तान तो हैं ही, लेकिन कई मामलों में गांवों, सरकारी संपत्तियों और क्लबों तक पर दावे किए गए हैं।
तमिलनाडु: पूरे गांव पर दावा!
2022 में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने चौंकाने वाला दावा किया था। राज्य के हिंदू बसाहट वाले थिरुचेंगई गांव को वक्फ संपत्ति बताया गया, जिससे जबरदस्त विवाद हुआ।
बेंगलुरु: ईदगाह मैदान पर दावा
1950 से बेंगलुरु के ईदगाह मैदान को वक्फ संपत्ति बताया गया, जबकि इस जमीन को लेकर पहले भी कई विवाद हो चुके हैं।
गुजरात: सूरत नगर निगम की जमीन पर वक्फ का दावा
गुजरात के सूरत नगर निगम की जमीन पर भी वक्फ बोर्ड ने अपना हक जताया। दावा किया गया कि मुगल काल में यह सराय के रूप में इस्तेमाल होती थी, इसलिए यह वक्फ संपत्ति है।
कोलकाता-बेंगलुरु: क्लब और होटल भी विवादों में
कोलकाता के टॉलीगंज क्लब पर भी वक्फ बोर्ड ने अपना दावा ठोंका।
बेंगलुरु का ITC Windsor होटल भी वक्फ संपत्ति बताई गई, जिससे विवाद और बढ़ गया।
विधेयक पर मचा सियासी घमासान
केंद्र सरकार का दावा है कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने और विवादों को खत्म करने के लिए जरूरी है। लेकिन विपक्ष और मुस्लिम संगठन इसे लेकर हमलावर हैं।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की चेतावनी
ओवैसी ने NDA के सहयोगी दलों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे इस विधेयक का समर्थन करते हैं तो मुसलमान उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का विरोध
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रवक्ता सैय्यद कासिम रसूल इलियास का दावा है कि 5 करोड़ से अधिक मुसलमानों ने विधेयक के खिलाफ ईमेल के जरिए अपनी राय भेजी। लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया।
सरकार की दलील
सरकार का कहना है कि देश में 28 करोड़ मुस्लिम आबादी है और उनमें से 5 करोड़ लोग विरोध कर रहे हैं। ऐसे में सरकार सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए संतुलित फैसला लेगी।
देशभर में वक्फ बोर्ड की संपत्तियां और उनकी अनुमानित कीमत
वक्फ बोर्ड के पास कुल जमीन: 8 लाख एकड़
2009 में वक्फ की जमीन: 4 लाख एकड़
वक्फ संपत्तियों की अनुमानित कीमत: ₹1.2 लाख करोड़
देश में कुल वक्फ बोर्ड: 32
उत्तर प्रदेश और बिहार में अलग-अलग शिया वक्फ बोर्ड
संशोधन विधेयक: संतुलन की जरूरत
विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया था, जहां कुछ बदलावों की सिफारिश की गई है। सरकार का कहना है कि यह विधेयक जल्दबाजी में नहीं लाया जा रहा, बल्कि इसे संतुलित रूप देने की कोशिश की जा रही है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद में पेश होने के बाद इस विधेयक का भविष्य क्या होता है। विपक्ष और मुस्लिम संगठन इसे मुस्लिम विरोधी करार दे रहे हैं, जबकि सरकार इसे पारदर्शिता और संतुलन का प्रयास बता रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है।

VIKAS TRIPATHI
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