थाना बिसरख क्षेत्र के चिपियाना बुजुर्ग पुलिस चौकी में हिरासत के दौरान योगेश कुमार की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने दो महिलाओं, रुक्मणी और बबली, को गिरफ्तार किया है। ये महिलाएं मृतक योगेश की कंपनी में काम करती थीं और उन्होंने योगेश पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। योगेश के भाई धर्मवीर ने इन महिलाओं के खिलाफ धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।
पुलिस उपायुक्त (जोन द्वितीय) श्रीमती सुनीति ने बताया कि धर्मवीर ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका भाई योगेश, जो उसके साथ एक बेकरी फैक्ट्री में काम करता था, पर रुक्मणी और बबली ने झूठे यौन शोषण के आरोप लगाए थे। लगभग डेढ़ माह पहले इन आरोपों के संबंध में समझौता हो गया था, लेकिन बाद में महिलाओं ने पुनः शिकायत दर्ज कर दी, जिससे परेशान होकर योगेश ने पुलिस चौकी में आत्महत्या कर ली।
धर्मवीर की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने रुक्मणी और बबली को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इस मामले में लापरवाही बरतने पर पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह ने चौकी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। अपर पुलिस उपायुक्त जॉन प्रथम नोएडा मनीष कुमार मिश्रा को मामले की जांच सौंपी गई है। प्रारंभिक जांच में चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों की लापरवाही सामने आई है।
मृतक के शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किया गया और उसकी वीडियोग्राफी भी करवाई गई है। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि थाना प्रभारी और सहायक पुलिस आयुक्त की भूमिका की भी जांच की जा रही है। उच्च स्तरीय जांच के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त किया गया है।
पुलिस उपायुक्त (जोन द्वितीय) सुनितीने बताया कि चिपियाना गांव के पास स्थित एक कंपनी में काम करने वाली एक महिला ने योगेश पर बलात्कार का आरोप लगाया था और इसकी शिकायत लोक शिकायत पुलिस अधीक्षक लखनऊ के यहां की थी। जांच के क्रम में योगेश को पूछताछ के लिए पुलिस चौकी बुलाया गया था, जहां उसने आत्महत्या कर ली।
VIKAS TRIPATHI
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