उत्तर प्रदेश का नाम मंगल ग्रह पर अंकित
भारत का सबसे बड़ा प्रदेश उत्तर प्रदेश है, जिसमें कुल 18 मंडल और 75 जिले शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के हर जिले की अपनी एक विशेष पहचान है। अब उत्तर प्रदेश का नाम सौर मंडल के सुदूर मंगल ग्रह पर भी अंकित हो गया है। मंगल ग्रह पर उत्तर प्रदेश के दो जिलों, हाथरस और वाराणसी, का नाम अंकित किया गया है।
यह उपलब्धि विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटना है। हाल ही में, अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह की सतह पर तीन नए क्रेटर्स की खोज की है। इन तीन क्रेटर्स में से दो का नाम उत्तर प्रदेश के महान अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के नाम पर रखा गया है। हाथरस जिले के मुरसान कस्बे और वाराणसी के नाम पर ये क्रेटर्स अंकित हुए हैं, जबकि तीसरे क्रेटर का नाम बिहार के हिलसा कस्बे के नाम पर रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने इन नामों को मंजूरी दी है। ये तीनों क्रेटर्स मंगल ग्रह के थारिस क्षेत्र में स्थित हैं, जो ज्वालामुखियों से भरा हुआ है। थारिस, मंगल ग्रह के पश्चिमी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के पास एक विशाल ज्वालामुखीय पठार है।
भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग की इकाई पीआरएल के निदेशक अनिल भारद्वाज के अनुसार, ये नाम अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार रखे गए हैं। छोटे क्रेटर्स के नाम छोटे शहरों के नाम पर और बड़े क्रेटर्स के नाम प्रसिद्ध हस्तियों के नाम पर रखे जाते हैं। खोजे गए क्रेटर्स के नामकरण के समय मुरसान और हिलसा कस्बों के नाम चुने गए।
उत्तर प्रदेश की महान हस्तियों से जुड़े नाम
पहले बात करते हैं लाल क्रेटर की। 65 किलोमीटर चौड़ा यह क्रेटर फिजिकल रिसर्च लेबोरटरी (पीआरएल) के पूर्व निदेशक प्रोफेसर देवेंद्र लाल के नाम पर रखा गया है। प्रोफेसर लाल का जन्म वाराणसी में हुआ था और उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और बॉम्बे विश्वविद्यालय से स्नातक किया था। वह 1972 से 1983 के बीच पीआरएल के निदेशक थे और भारत के प्रमुख कॉस्मिक रे भौतिक वैज्ञानिकों में उनकी गिनती होती है।
मुरसान क्रेटर 10 किलोमीटर चौड़ा है और यह लाल क्रेटर के पूर्वी रिम पर स्थित है। इसका नाम उत्तर प्रदेश के कस्बे मुरसान से मिला है, जो पीआरएल के वर्तमान निदेशक डॉ. अनिल भारद्वाज का जन्मस्थान है। डॉ. भारद्वाज देश के प्रतिष्ठित अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं।
हिलसा क्रेटर भी 10 किलोमीटर चौड़ा है और लाल क्रेटर के पश्चिमी रिम के पास स्थित है। इसका नाम बिहार के कस्बे हिलसा के नाम पर रखा गया है, जो पीआरएल के एक और वैज्ञानिक डॉ. राजीव रंजन भारती का जन्मस्थान है। डॉ. रंजन उस टीम का हिस्सा थे जिसने इन क्रेटर्स की खोज की है।
VIKAS TRIPATHI
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