जम्मू : भारतीय शास्त्रीय नृत्य की जगमगाती दुनिया में एक नाम है जो आज भी नृत्य, सौंदर्य और साधना का पर्याय बना हुआ है — गुरु डॉ. कल्पना भूषण (Ph.D)। अपने अद्वितीय योगदान, असाधारण प्रतिभा और अटूट समर्पण के कारण डॉ. भूषण न केवल एक श्रेष्ठ नृत्यांगना हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति की जीवंत किंवदंती मानी जाती हैं। छह दशकों से अधिक समय से वे भारतीय नृत्य की विरासत को संजोने, संवर्धित करने और विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करने में निरंतर सक्रिय हैं।
उत्तर प्रदेश की राजवंशीय परंपरा से संबंध रखने वाली डॉ. कल्पना भूषण कश्मीर की पहली ऐसी पंडित नृत्यांगना हैं जिन्होंने दक्षिण भारत की प्रख्यात नृत्य शैली भरतनाट्यम को अपनाया और उसमें अप्रतिम दक्षता प्राप्त की। परंतु उनका कलात्मक विस्तार केवल भरतनाट्यम तक सीमित नहीं — उन्होंने कुचिपुड़ी, कथक, मोहिनीयट्टम जैसी अन्य शास्त्रीय विधाओं के साथ-साथ जैज़, साल्सा, बेली डांस और भारतीय लोक नृत्य में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
डॉ. भूषण एक बहुआयामी कलाकार हैं। वे नृत्य के साथ-साथ संगीत में भी समान रूप से दक्ष हैं — शास्त्रीय एवं अर्धशास्त्रीय गायन में प्रशिक्षित हैं और तबला, सितार, वायलिन, गिटार तथा हारमोनियम जैसे अनेक वाद्य यंत्रों में निपुण हैं। कला ही नहीं, बल्कि खेल और अकादमिक क्षेत्रों में भी उन्होंने असाधारण उपलब्धियाँ हासिल की हैं — वे जापानी भाषा की स्वर्ण पदक विजेता, प्रमाणित तैराकी प्रशिक्षक, घुड़सवारी में दक्ष और कराटे की ब्लैक बेल्ट धारक हैं।

अपने दीर्घ और गौरवशाली करियर में गुरु डॉ. कल्पना भूषण को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं। इनमें डॉ. सरोजिनी नायडू अवार्ड, भारत के महारथी सम्मान, जगत जीती नारी अवार्ड, और डांसर विद अ गोल्डन हार्ट जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रमुख हैं। उन्हें तीन बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त उन्हें श्रृंगारमणि, नृत्य मयूरी, नृत्य प्रवीणा, नृत्य भारती, और भाव निपुणिका जैसी प्रतिष्ठित उपाधियाँ भी प्रदान की गई हैं।
डॉ. भूषण के नृत्य की छटा केवल भारत तक सीमित नहीं रही — उन्होंने विश्व के अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रस्तुतियों से भारतीय संस्कृति की गरिमा को नई ऊँचाइयाँ दी हैं। वे कई अवसरों पर प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों, राजनयिकों और बॉलीवुड की प्रतिष्ठित हस्तियों के समक्ष प्रस्तुति दे चुकी हैं। मंच के साथ-साथ उन्होंने टेलीविज़न और फिल्मों में भी अपनी कला से विशिष्ट पहचान बनाई, जिससे भारतीय सांस्कृतिक परिदृश्य को नई दिशा मिली।
साल 1977 से वे कल्पना कला केंद्र (सेक्टर-11, नोएडा) के माध्यम से नई पीढ़ी को भारतीय नृत्य की शिक्षा दे रही हैं। यह प्रसिद्ध डांस एंड फिटनेस एकेडमी आज हजारों युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। अनुशासन, सौंदर्य और कलात्मक उत्कृष्टता का यह केंद्र उनके दृष्टिकोण और समर्पण का जीवंत प्रतीक है।
गुरु डॉ. कल्पना भूषण न केवल एक नृत्यांगना हैं, बल्कि वे भारतीय संस्कृति की आत्मा की साकार अभिव्यक्ति हैं — जिन्होंने अपनी साधना, निष्ठा और समर्पण के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय नृत्य को न केवल नई पहचान दी, बल्कि उसे विश्व मंच पर अमर कर दिया।














