
नई दिल्ली/इंदिरा भवन — कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को आयोजित जिलाध्यक्षों की बैठक में केंद्र सरकार की नीतियों को आड़े हाथों लेते हुए भाजपा-आरएसएस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दों से भटककर देश को धार्मिक आधार पर बांटने में लगी है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के संगठनात्मक मिशन को मजबूती देने का आह्वान किया और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को “संविधान और भाईचारे की रक्षा का राष्ट्रव्यापी आंदोलन” करार दिया।
‘रात के अंधेरे में मणिपुर पर बहस, महंगाई और बेरोजगारी पर चुप्पी’
खरगे ने कहा, “सरकार संसद को रात 4 बजे तक चलाती है, लेकिन महंगाई, बेरोजगारी या अमेरिका से जुड़े टैरिफ पर बहस नहीं कराती। मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बहस भी रात के अंधेरे में कराती है ताकि जनता की नजर से छुपाया जा सके। क्या मणिपुर जैसे संकट पर सिर्फ एक घंटे की चर्चा पर्याप्त थी?”
‘संविधान विरोधी सोच के खिलाफ सतत संघर्ष ज़रूरी’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा-आरएसएस की विचारधारा न केवल जनविरोधी है, बल्कि संविधान विरोधी भी है। “हमें संसद के भीतर और बाहर लगातार संघर्ष करना होगा। राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के ज़रिए जो आंदोलन शुरू किया, वह सांप्रदायिकता के खिलाफ हमारी सबसे बड़ी लड़ाई का प्रतीक है।”
‘गांधी जी की प्रेरणा से संगठन सशक्तिकरण की ओर’
खरगे ने बेलगावी अधिवेशन का हवाला देते हुए कहा कि यह वर्ष महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की 100वीं वर्षगांठ है और इसे संगठन सशक्तिकरण वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने गांधी जी की उस ऐतिहासिक बात को दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस करोड़ों भूखे-नंगों की प्रतिनिधि है। “कांग्रेस जनता के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की आवाज़ है और हम उनके हितों के लिए अन्य सभी हितों का बलिदान देने को तैयार हैं।”
‘सांप्रदायिक संस्थाओं के खिलाफ कांग्रेस ही असली लड़ाकू’
खरगे ने गांधी जी के 1947 के ऐतिहासिक AICC अधिवेशन का उल्लेख करते हुए कहा, “आज देश एक बार फिर उसी मोड़ पर खड़ा है। सांप्रदायिक ताकतें समाज में जहर घोल रही हैं। सत्ता की भूख में एक ही धर्म के लोगों को आपस में लड़ाया जा रहा है। ऐसे समय में गांधीवादी विचारधारा ही देश को जोड़ सकती है।”
‘कांग्रेस हर संप्रदाय की सेविका, नफरत के खिलाफ जनमत तैयार करें’
खरगे ने जिलाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे कांग्रेस के संदेश को जन-जन तक पहुंचाएं और नफरत फैलाने वाली ताकतों के खिलाफ जनमत तैयार करें। “कांग्रेस पूरे देश और हर संप्रदाय की सेविका है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम समाज में फैलती नफरत के जहर को जनचेतना और संगठन की शक्ति से निष्क्रिय करें।”
‘संघर्ष की नई पटकथा लिखने का समय आ गया है’
बैठक के अंत में खरगे ने सभी जिलाध्यक्षों को गांधी, नेहरू, पटेल और अंबेडकर जैसे महान नेताओं के आदर्शों पर चलकर संगठन को मजबूत करने का संकल्प दिलाया। “हमें देश की आत्मा की रक्षा करनी है। हमें हर गांव, हर गली तक जाकर लोगों को बताना है कि कांग्रेस ही उनकी सच्ची आवाज़ है।”














