गाजीपुर: सत्यदेव ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, गाधिपुरम, बोरसिया, फदनपुर में आयोजित रोटरी दिव्यांगता सहायता शिविर का आज सफल समापन हुआ। तीन दिवसीय इस शिविर में 1572 दिव्यांगजनों को निःशुल्क सहायक उपकरण वितरित किए गए। अंतिम दिन शाम 5:00 बजे तक यह सेवा जारी रही, जिसमें कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

समापन समारोह और उपकरण वितरण:
रविवार को माता सावित्री सिंह, . सानंद सिंह, . आनंद सिंह, सचिव . बरुन कुमार अग्रवाल, . सुमन सिंह, . विनीता सिंह तथा प्रोजेक्ट चेयरमैन . संजीव कुमार सिंह की अगुवाई में उपकरण वितरण कार्य शुरू हुआ। पूरे दिन दिव्यांगजनों को ट्राईसाइकिल, बैसाखी, व्हीलचेयर, हियरिंग एड सहित अन्य आवश्यक उपकरण प्रदान किए गए। अकेले 432 ट्राईसाइकिल वितरित की गईं।
सम्मान समारोह:
समापन समारोह में श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, जयपुर से आए वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पुरुषोत्तम और उनकी 17 सदस्यीय टीम का स्वागत किया गया। उन्हें पुष्पहार, अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। डॉ. पुरुषोत्तम ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह अब तक का सबसे सफल शिविर रहा, जहां इतनी बड़ी संख्या में दिव्यांगों को लाभ मिला। उन्होंने प्रोजेक्ट चेयरमैन रो. संजीव कुमार सिंह के योगदान की विशेष रूप से सराहना की।
प्रोजेक्ट चेयरमैन का बयान:
रो. संजीव कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के अनुसार हर जरूरतमंद को उपकरण उपलब्ध कराया। उन्होंने बताया कि इस शिविर के लिए छह ट्रकों में भरकर उपकरण लाए गए थे ताकि कोई भी लाभार्थी खाली हाथ न जाए। शिविर में गाजीपुर के अलावा बिहार के बक्सर और अन्य जिलों से भी दिव्यांगजन पहुंचे थे।

रोटरी क्लब गाजीपुर के योगदान:
शिविर के समापन अवसर पर रोटरी क्लब गाजीपुर के अध्यक्ष रो. सी.पी. चौबे, सचिव रो. बरुन कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष रो. विनीता सिंह, रो. सानंद सिंह, रो. डॉ. उमेश चंद्र राय, समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इनरव्हील क्लब और रोटरेक्ट क्लब के सदस्यों के साथ सत्यदेव ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के शिक्षक व विद्यार्थी भी इस अवसर पर मौजूद थे।
धन्यवाद ज्ञापन:
रो. आनंद सिंह ने रोटरी क्लब गाजीपुर और रोटरी इंटरनेशनल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रोजेक्ट चेयरमैन संजीव कुमार सिंह की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने रोटरी क्लब और पूरे समाज का मान बढ़ाया है।
इस शिविर के सफल आयोजन ने सैकड़ों दिव्यांगजनों के जीवन में नया उजाला लाने का कार्य किया।
